Meaning of Refuse in Hindi - हिंदी में मतलब

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Ayush Rastogi
Mar 09, 2020   •  1 view
  • अग्राह्य करना

  • अस्वीकार करना

  • इंकार

  • तलछट

  • मना करना

  • नामँजूर करना

  • इन्कार करना

  • कचरा

  • प्रतिषेध करना

  • परित्यक्त

  • कूड़ा

  • अवशिष्ट

  • कूड़ा कर्कट

  • न मानना

  • असार

  • साफ जवाब देना

Synonyms of "Refuse"

Antonyms of "Refuse"

"Refuse" शब्द का वाक्य में प्रयोग

  • His ' Sanskars ' or the impressions gained during childhood refuse to accept the role of a mediator between a devotee and God or between a man and his wife.
    पति और पत्नी अथवा भक्त और ईश्वर के मामले में मध्यस्थ भूमिका को उनके संस्कार अस्वीकार कर देते हैं ।

  • O People who Believe! Save yourselves and your families from the fire, the fuel of which is men and stones – appointed over it are the extremely strict angels, who do not refuse the command of Allah and carry out whatever they are commanded.
    ऐ ईमान लानेवालो! अपने आपको और अपने घरवालों को उस आग से बचाओ जिसका ईधन मनुष्य और पत्थर होंगे, जिसपर कठोर स्वभाव के ऐसे बलशाली फ़रिश्ते नियुक्त होंगे जो अल्लाह की अवज्ञा उसमें नहीं करेंगे जो आदेश भी वह उन्हें देगा, और वे वही करेंगे जिसका उन्हें आदेश दिया जाएगा

  • God has given you mates from among yourselves ; and has produced for you, from your mates, children and grandchildren ; and has provided you with good things. Will they then believe in falsehood, and refuse God’s favors ?
    और ख़ुदा ही ने तुम्हारे लिए बीबियाँ तुम ही में से बनाई और उसी ने तुम्हारे वास्ते तुम्हारी बीवियों से बेटे और पोते पैदा किए और तुम्हें पाक व पाकीज़ा रोज़ी खाने को दी तो क्या ये लोग बिल्कुल बातिल पर ईमान रखते हैं और ख़ुदा की नेअमत इन्कार करते हैं

  • And verily We have displayed for mankind in this Qur ' an all kind of similitudes, but most of mankind refuse aught save disbelief.
    हमने इस क़ुरआन में लोगों के लिए प्रत्येक तत्वदर्शिता की बात फेर - फेरकर बयान की, फिर भी अधिकतर लोगों के लिए इनकार के सिवा हर चीज़ अस्वीकार्य ही रही

  • If any objections are received, the Marriage Officer has to enquire into them and take a decision either to solemnise the marriage or to refuse it.
    यदि कोई आपत्ति प्राप्तो की जाती है तो विवाह अधिकारी को इसकी जांच करनी है और यह निर्णय लेना है कि या तो विवाह सम्पान्नव किया जाए या इसे इनकार किया जाए ।

  • They collected all the refuse and brought it to us in a basket.
    जहाँ कचरा देखा, वहीं उन्होंने झाडू लगाया और जो कचरा इकट्ठा हुआ, उसे एक टोकरी में भरकर हमारे सामने आ गए ।

  • Those who disbelieve will be addressed:" Allah ' s aversion was greater towards you than your aversion towards one another, when you were called to the Faith but you used to refuse."
    निश्चय ही जिन लोगों ने इनकार किया उन्हें पुकारकर कहा जाएगा कि" अपने आपसे जो तुम्हें विद्वेष एवं क्रोध है, तुम्हारे प्रति अल्लाह का क्रोध एवं द्वेष उससे कहीं बढकर है कि जब तुम्हें ईमान की ओर बुलाया जाता था तो तुम इनकार करते थे ।"

  • Or country folk may come to the big city, have an unfortunate experience with one con artist, and then refuse to trust any city dweller thereafter.
    जैसे कोई गंवई शहर आए और ठगे जाने के एक दुर्भाग्यपूर्ण अनुभव के बाद किसी भी शहरी पर विश्वास न करे ।

  • And We have certainly distributed it among them that they might be reminded, but most of the people refuse except disbelief.
    और हमने पानी को उनके दरमियान तक़सीम किया ताकि लोग नसीहत हासिल करें मगर अक्सर लोगों ने नाशुक्री के सिवा कुछ न माना

  • O you who believe! when you deal with each other in contracting a debt for a fixed time, then write it down ; and let a scribe write it down between you with fairness ; and the scribe should not refuse to write as Allah has taught him, so he should write ; and let him who owes the debt dictate, and he should be careful of Allah, his Lord, and not diminish anything from it ; but if he who owes the debt is unsound in understanding, or weak, or he is not able to dictate himself, let his guardian dictate with fairness ; and call in to witness from among your men two witnesses ; but if there are not two men, then one man and two women from among those whom you choose to be witnesses, so that if one of the two errs, the second of the two may remind the other ; and the witnesses should not refuse when they are summoned ; and be not averse to writing it small or large, with the time of its falling due ; this is more equitable in the sight of Allah and assures greater accuracy in testimony, and the nearest that you may not entertain doubts, except when it is ready merchandise which you give and take among yourselves from hand to hand, then there is no blame on you in not writing it down ; and have witnesses when you barter with one another, and let no harm be done to the scribe or to the witness ; and if you do then surely it will be a transgression in you, and be careful of to Allah, Allah teaches you, and Allah knows all things.
    ऐ ईमानदारों जब एक मियादे मुक़र्ररा तक के लिए आपस में क़र्ज क़ा लेन देन करो तो उसे लिखा पढ़ी कर लिया करो और लिखने वाले को चाहिये कि तुम्हारे दरमियान तुम्हारे क़ौल व क़रार को, इन्साफ़ से ठीक ठीक लिखे और लिखने वाले को लिखने से इन्कार न करना चाहिये जिस तरह ख़ुदा ने उसे सिखाया है उसी तरह उसको भी वे उज़्र लिख देना चाहिये और जिसके ज़िम्मे क़र्ज़ आयद होता है उसी को चाहिए कि की इबारत बताता जाये और ख़ुदा से डरे जो उसका सच्चा पालने वाला है डरता रहे और और क़र्ज़ देने वाले के हुक़ूक़ में कुछ कमी न करे अगर क़र्ज़ लेने वाला कम अक्ल या माज़ूर या ख़ुद का मतलब लिखवा न सकता हो तो उसका सरपरस्त ठीक ठीक इन्साफ़ से लिखवा दे और अपने लोगों में से जिन लोगों को तुम गवाही लेने के लिये पसन्द करो दो मर्दों की गवाही कर लिया करो फिर अगर दो मर्द न हो तो एक मर्द और दो औरतें उन दोनों में से अगर एक भूल जाएगी तो एक दूसरी को याद दिला देगी, और जब गवाह हुक्काम के सामने बुलाया जाएं तो हाज़िर होने से इन्कार न करे और क़र्ज़ का मामला ख्वाह छोटा हो या उसकी मियाद मुअय्युन तक की लिखवाने में काहिली न करो, ख़ुदा के नज़दीक ये लिखा पढ़ी बहुत ही मुन्सिफ़ाना कारवाई है और गवाही के लिए भी बहुत मज़बूती है और बहुत क़रीन है कि तुम आईन्दा किसी तरह के शक व शुबहा में न पड़ो मगर जब नक़द सौदा हो जो तुम लोग आपस में उलट फेर किया करते हो तो उसकी के न लिखने में तुम पर कुछ इल्ज़ाम नहीं है और जब उसी तरह की ख़रीद हो तो गवाह कर लिया करो और क़ातिब और गवाह को ज़रर न पहुँचाया जाए और अगर तुम ऐसा कर बैठे तो ये ज़रूर तुम्हारी शरारत है और ख़ुदा से डरो ख़ुदा तुमको मामले की सफ़ाई सिखाता है और वह हर चीज़ को ख़ूब जानता है

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