आशा करना
आसरा देखना
रख लेना
आशा रखना
उम्मीद करना
उम्मीद लगाना
कबुल करना
राह देखना
उम्मीद रखना
The Department of Health leaflet Consent - what you have a right to expect is a detailed guide on consent in versions for adults, children, parents, carers / relatives and people with learning disabilities.
ठ्हे ढेपर्ट्मेन्ट् ओङ् ःएअल्ट्ह् लेअङ्लेट् छोन्सेन्ट् - आप को जिंदगी बिताने के अधिकार से क्या सीखना चाहिये ये बुजुर्ग, बच्चे, पालक, केअर्रस या रिश्तेदार और लोग जो विकलांग है ऐसे अलग अलग प्रति में पूरी तरह से विस्तृत रुप में दिया होगा.
You can not expect me to watch unmistakable attempts to sabotage us and remain quiet.
आप मुझसे यह आशा नहीं रख सकते कि हममें फूट डालने और हमें तोड़ने वाले प्रयत्नों को मैं देखता रहूं और खामोश बना रहूं ।
When Our manifest signs are recited to them, those who do not expect to encounter Us say, ‘Bring a Quran other than this, or alter it. ’ Say, ‘I may not alter it of my own accord. I follow only what is revealed to me. Indeed should I disobey my Lord, I fear the punishment of a tremendous day. ’
और जब उनके सामने हमारी खुली हुई आयतें पढ़ी जाती है तो वे लोग, जो हमसे मिलने की आशा नहीं रखते, कहते है," इसके सिवा कोई और क़ुरआन ले आओ या इसमें कुछ परिवर्तन करो ।" कह दो," मुझसे यह नहीं हो सकता कि मैं अपनी ओर से इसमें कोई परिवर्तन करूँ । मैं तो बस उसका अनुपालन करता हूँ, जो प्रकाशना मेरी ओर अवतरित की जाती है । यदि मैं अपने प्रभु की अवज्ञा करँस तो इसमें मुझे एक बड़े दिन की यातना का भय है ।"
I am afraid it is asking for the impossible if you expect Government to prevent the Press from publishing information which they secure from their own sources, which they apparently consider credible.
यदि आप सरकार से यह आशा रखते हों कि वह समचारपत्रों को ऐसी जानकारी छापने से रोके, जो वे अनपने ही साधनों से प्राप्त करते हैं और जिसे वे जाहिरा तौर पर विश्वसनीय मानते हैं, तो आप उससे असंभव को बनाने के लिए कहते हैं ।
Dunant knew that the neighbouring hospitals were full and that he could expect no help from them.
दूनॉँ जानता था कि आस - पास के अस्पताल भरे पड़े हैं और उनसे किसी प्रकार की सहायता की आशा नहीं की जा सकती ।
It was He who expelled the unbelievers among the People of the Book from their homes into the first exile. You did not think that they would go out, and they thought their fortresses would protect them from Allah. But Allah came upon them from where they did not expect, casting terror into their hearts that their homes were destroyed by their own hands as well as by the hands of the believers. Therefore, take heed you that have eyes.
वही तो है जिसने कुफ्फ़ार अहले किताब को पहले हश्र में उनके घरों से निकाल बाहर किया तुमको तो ये वहम भी न था कि वह निकल जाएँगे और वह लोग ये समझे हुये थे कि उनके क़िले उनको ख़ुदा से बचा लेंगे मगर जहाँ से उनको ख्याल भी न था ख़ुदा ने उनको आ लिया और उनके दिलों में को रौब डाल दिया कि वह लोग ख़ुद अपने हाथों से और मोमिनीन के हाथों से अपने घरों को उजाड़ने लगे तो ऐ ऑंख वालों इबरत हासिल करो
Islamists in Pakistan, reports Arnaud de Borchgrave, expect that “ in the next 10 years, Americans will wake up to the existence of an Islamic army in their midst - an army of jihadis who will force America to abandon imperialism and listen to the voice of Allah. ”
अर्नाड डे बोर्चग्रेव की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में इस्लामवादी अपेक्षा करते हैं कि अगले 10 वर्षों में अमेरिका के लोग अपने मस्तिष्क में इस्लामी सेना का अनुभव करेंगे और जिहादियों की सेना अमेरिका को बाध्य करेगी कि वह साम्राज्यवाद को त्याग कर अल्लाह की आवाज को सुने ।
And when Our verses are recited to them as clear evidences, those who do not expect the meeting with Us say," Bring us a Qur ' an other than this or change it." Say,," It is not for me to change it on my own accord. I only follow what is revealed to me. Indeed I fear, if I should disobey my Lord, the punishment of a tremendous Day."
और जब उनके सामने हमारी खुली हुई आयतें पढ़ी जाती है तो वे लोग, जो हमसे मिलने की आशा नहीं रखते, कहते है," इसके सिवा कोई और क़ुरआन ले आओ या इसमें कुछ परिवर्तन करो ।" कह दो," मुझसे यह नहीं हो सकता कि मैं अपनी ओर से इसमें कोई परिवर्तन करूँ । मैं तो बस उसका अनुपालन करता हूँ, जो प्रकाशना मेरी ओर अवतरित की जाती है । यदि मैं अपने प्रभु की अवज्ञा करँस तो इसमें मुझे एक बड़े दिन की यातना का भय है ।"
Those who do not expect a meeting with Us say," Why are angels not sent down to us ?" Or" Why do we not see our Lord ?" Surely, they are too proud of themselves and have greatly exceeded all bounds.
जिन्हें हमसे मिलने की आशंका नहीं, वे कहते है," क्यों न फ़रिश्ते हमपर उतरे या फिर हम अपने रब को देखते ?" उन्होंने अपने जी में बड़ा घमंज किया और बड़ी सरकशी पर उतर आए
For a person who doesn ' t speak when not spoken to, no one could expect any more laughter than this.
बातें न करने पर जो अपनी तरफ से बात नहीं करते, उनसे इतनी भर हँसी से ज्यादा आशा नहीं की जा सकती ।