घातक
मर्त्य/मरणशील
भीषण
मरणांतक
मनुष्य
जानलेवा
नश्वर
मरणशील
Someone
Somebody
Deathly
A group of his people who disbelieved him and had called the Day of Judgment a lie and whom We had made prosperous in this life, said," He is a mere mortal like you. He eats and drinks as you do.
और उनकी क़ौम के चन्द सरदारों ने जो काफिर थे और आख़िरत की हाज़िरी को भी झुठलाते थे और दुनिया की ज़िन्दगी में हमने उन्हें शहवत भी दे रखी थी आपस में कहने लगे ये तो बस तुम्हारा ही सा आदमी है जो चीज़े तुम खाते वही ये भी खाता है और जो चीज़े तुम पीते हो उन्हीं में से ये भी पीता है
And when thy Lord said to the angels, ' See, I am creating a mortal of a clay of mud moulded.
याद करो जब तुम्हारे रब ने फ़रिश्तों से कहा," मैं सड़े हुए गारे की खनखनाती हुई मिट्टी से एक मनुष्य पैदा करनेवाला हूँ
He had! deep faith in religion, but he was not a devotee of any mortal born of mother ' s womb, believing neither in incarnations nor prophets.
धर्म में उनकी गहरी आस्था थी, मगर वे किसी मानवी के गर्भ से पैदा हुए व्यक्ति की पूजा नहीं करते थे और न तो अवतारों पर विश्वास करते थे, यदुनाथ सरकार न ही पैगंबरों पर ।
If it becomes active, it falls back into the disturbance of the mortal nature and reflects that and no longer the divine.
यदि वह क्रिया करने लग पड़े तो वह फिर से मर्त्य प्रकृति की उथल - पुथल में जा गिरता है और उसीको प्रतिबिम्बित करता है, भगवान् को नहीं ।
And We know very well that they say, ' Only a mortal is teaching him. ' The speech of him at whom they hint is barbarous ; and this is speech Arabic, manifest.
और हम तहक़ीक़तन जानते हैं कि ये कुफ्फार तुम्हारी निस्बत कहा करते है कि उनको कोई आदमी क़ुरान सिखा दिया करता है हालॉकि बिल्कुल ग़लत है क्योंकि जिस शख्स की तरफ से ये लोग निस्बत देते हैं उसकी ज़बान तो अजमी है और ये तो साफ साफ अरबी ज़बान है
When thy Lord said unto the angels: Lo! I am about to create a mortal out of mire,
याद करो जब तुम्हारे रब ने फ़रिश्तों से कहा कि" मैं मिट्टी से एक मनुष्य पैदा करनेवाला हूँ
Say: I am only a mortal like you. My Lord inspireth in me that your Allah is only One Allah. And whoever hopeth for the meeting with his Lord, let him do righteous work, and make none sharer of the worship due unto his Lord.
कह दो," मैं तो केवल तुम्हीं जैसा मनुष्य हूँ । मेरी ओर प्रकाशना की जाती है कि तुम्हारा पूज्य - प्रभु बस अकेला पूज्य - प्रभु है । अतः जो कोई अपने रब से मिलन की आशा रखता हो, उसे चाहिए कि अच्छा कर्म करे और अपने रब की बन्दगी में किसी को साझी न बनाए ।"
And naught prevented mankind from believing when the guidance came unto them save that they said: Hath Allah sent a mortal as messenger ?
लोगों को जबकि उनके पास मार्गदर्शन आया तो उनको ईमान लाने से केवल यही चीज़ रुकावट बनी कि वे कहने लगे," क्या अल्लाह ने एक मनुष्य को रसूल बनाकर भेज दिया ?"
As the first Englishman who edited this original text, Peter Peterson, observes: 1 Kadambari has its place in the world ' s literature as one more aspiration out of the very heart of genius after that story, which, from the beginning of time mortal ears have yearned to hear, but which mortal lips have never spoken.
उदाहरण के लिए, इस कृति के पहले अंग्रेज संपादक पीटर पेटरसन ने लिखा हैः कादंबरी का विश्व - साहित्य में स्थान किसी प्रतिभाशाली की एक और आकांक्षा के समान है जिसे आदिकाल से नश्वर कान सुनने की लालसा पाले हुए हैं लेकिन नश्वर होठों से कभी बोली नहीं गई ।
These ploys might strain credulity - surely the Israelis realize that the former is no less lethal than the latter ? Actually, they do not. Since 1993, Israelis have shown themselves, in the words of the philosopher Yoram Hazony, to be “ an exhausted people, confused and without direction, ” willing and even eager to be duped by their enemies. All they need are some overtures, however unconvincing, that they will be freed from war, and they barely can restrain themselves from making concessions to mortal enemies.
इन दाव पेंचों से कटुता बढनी चाहिए और निश्चित रुप से इजरायली अनुभव करेंगे कि पहला तो किसी भी प्रकार बाद वाले से कम नुकसानदेह नहीं है. लेकिन वास्तव में ऐसा होता नहीं. दार्शनिक योराम हाजोनी के शब्दों में “ 1993 से इजरायल के शब्दों में 1993 से इजरायल के लोग थके हुए, भ्रमित और दिशाहीन रहे हैं तथा अपने शत्रु द्वारा धोखा खाने को उद्दत रहे हैं. उन्हें किसी दिशा में शुरुआत करने की आवश्यकता है हालांकि बहुत प्रभावी नहीं है कि वे युद्ध से मुक्त हो जायेंगे तथा कठिन है कि वे भौतिक शत्रु के विरुद्ध छूट देने से स्वयं को रोक पायेंगे.