मतभेद
अस्वीकृति
असहमति
मतभेद होना
असहमत होना
अस्वीकार
There has been no time when there was no dissent within the Congress.
ऐसा समय कभी भी नहीं रहा है जब कांग्रेस के अंदर कुछ असंतोष न रहा हो ।
Military rule will continue. Soldiers did not seize power with Hosni Mubarak ' s departure two months ago ; they did so in 1952. That ' s when the Free Officers overthrew the constitutional monarchy and took office. One senior military man followed another - from Naguib to Nasser to Sadat to Mubarak to Tantawi - in an unbroken succession over 59 years. With time, the military expanded its grip from the political realm to the economic, producing everything from television sets to olive oil and acquiring control over a sizable portion of Egypt ' s wealth. The soldiers have become far too accustomed to power and the good life to give up these perks. They will do whatever it takes, be it purging Mubarak, throwing his sons in jail, banning his old political party, changing the constitution, or repressing dissent, to keep power.
तहरीर चौक की भावना वास्तविक और जीवंत है लेकिन सत्ता के विशाल कक्ष से कोसों दूर है । क्रांतिकारी विचार जैसे कि सरकार जनता की सेवा करे न कि इसके विपरीत हो, शासकों का चयन जनता के माध्यम से हो तथा व्यक्तियों में गौरव और अधिकार अंतर्निहित हो अंततः देश के बडे हिस्से में लोगों तक पहुँच गये हैं और विशेष रूप से युवा वर्ग तक । दीर्घकालिक स्वरूप में ये विचार चमत्कार कर सकते हैं । लेकिन अभी ये विद्रोही स्वर हैं जिन्हें कि कठोरता के साथ किसी क्रियात्मक भूमिका से पूरी तरह अलग रखा गया है ।
Minutes of dissent are part of the minutes.
असहमति टिप्पणी कार्य विवरण का एक अंग होती हैं ।
Justice Mitter, who had the rare courage to dissent, did not agree with the majority opinion and the sentence awarded.
न्यायाधीश मित्तर, जिन्होंने असहमत होने का विरल साहस दिखाया, बहुमत की राय और दंड - निर्धारण से सहमत न हुए.
Over time, regimes learned to protect themselves through overlapping intelligence services, reliance on family and tribal members, repression, and other mechanisms. Four decades of sclerotic, sterile stability followed. With only rare exceptions, did regimes get ousted ; even more rarely did civilian dissent have a significant role.
समय के साथ शासन को भी स्वयं को सुरक्षित करना आ गया और उन्होंने खुफिया सेवाओं की चुस्ती, परिवार और कबीलों पर निर्भरता तथा उत्पीडन सहित अन्य तरीकों का प्रयोग कर ऐसा किया । चार दशक तक एक स्थिरता रही जो मजबूरी की स्थिरता थी । इसके कुछ ही दुर्लभ अपवाद रहे जब शासन का तख्ता पलट हुआ यहाँ तक कि नागरिक विद्रोह की मह्त्वपूर्ण भूमिका है ।
" And O my people! let not my dissent cause you to sin, lest ye suffer a fate similar to that of the people of Noah or of Hud or of Salih, nor are the people of Lut far off from you!
ऐ मेरी क़ौम के लोगो! मेरे प्रति तुम्हारा विरोध कहीं तुम्हें उस अपराध पर न उभारे कि तुमपर वही बीते जो नूह की क़ौम या हूद की क़ौम या सालेह की क़ौम पर बीत चुका है, और लूत की क़ौम तो तुमसे कुछ दूर भी नहीं ।
Members of the CPGB who had expressed dissent were forced to capitulate and a year later a new leadership was imposed.
ग्रेट ब्रिटेन की साम्यवादी पार्टी के सदस्यों को जिन्होने असहमति प्रकट की थी जबरदस्ती झुकाया गया और एक साल बाद नया नेतृत्व थोपा गया.
But no, by your Lord! They will not believe until they make you a judge in their disputes, then do not find within their hearts any dissent to your verdict and submit in full submission.
पस तुम्हारे परवरदिगार की क़सम ये लोग सच्चे मोमिन न होंगे तावक्ते क़ि अपने बाहमी झगड़ों में तुमको अपना हाकिम बनाएं फिर जो कुछ तुम फैसला करो उससे किसी तरह दिलतंग भी न हों बल्कि ख़ुशी ख़ुशी उसको मान लें
In this country, any act to express dissent is dealt with firmly
इस देश में विसम्मति अभिव्यक्ता करने के किसी भी कार्य से सख्ती से निपटा जाता है ।
More broadly, 55 Palestinian intellectuals and public figures signed a petition in June condemning the continuation of suicide bombings in Israel. Ehud Ya ' ari of the Jerusalem Report notes that “ instead of automatic applause for the attacks, there is now a readiness to allow expressions of doubtfulness and dissent. ”
अधिक विस्तार से कहें तो, जून में 55 फिलीस्तीनी बुद्धिजीविओं और सार्वजनिक लोगों ने इजरायल में आत्मघाती बम हमले की निंदा करते हुए एक याचिका पर हस्ताक्षर किये । जेरूसलम रिपोर्ट के येहुद यारी की रिपोर्ट के अनुसार, “ आक्रमण के लिये स्वाभाविक अनुशंसा के स्थान पर विरोध और संशय की अभिव्यक्ति को लेकर अधिक तैयारी दिखती है”