चमकीला
सुस्पष्ट
प्रबल
विशद
सजीव
जीता जागता
जीवंत
The Chinese traveller, Hiuen Tsang, who visited India during his reign, has given a vivid description of the social, economic and religious conditions, under the rule of Harsha spoke highly of the king.
चीनी यात्री ह्वेनसांग, जो उसके शासनकाल में भारत आया था ने, हर्षवर्धन के शासन के समय सामाजिक, आर्थिक व धार्मिक स्थितियों का सजीव वर्णन किया है व हर्षवर्धन की प्रशंसा की है ।
The carvings on their fences and gates deal not with religious but with secular subjects, and present vivid pictures of life in that period.
उनकी बाडियो और द्वारों पर की गयी खुदाई धार्मिक नहीं बल्कि धर्म निरपूक्ष विषयों पर हे और उस काल के जीवन के उज्जवल चित्र प्रस्तुत करती है ।
This album, first brought out on the occasion of Sardar Vallabhbhai Patel ' s birth centenary, purports to be a vivid reminder rather than a complete record in pictures of his multifarious personality.
यह एल्बम सबसे पहले सरदार बल्लभ भाई पटेल की जन्म शताब्दी के अवसर पर लाया गया था । जो उनके बहुआयामी व्यक्तित्व की तस्वीरों का पुरा लेखा जोखा है ।
There may at first be only a vivid intellectual interest, a forcible attraction towards the idea and some imperfect form of practice.
हो सकता है कि प्रारम्भ में साधक को अपने ध्येय में केवल एक जीवन्त बौद्धिक रुचि तथा उसके प्रति एक प्रबल आकर्षण भर हो और वह किसी प्रकार की अपूर्ण साधना का ही अभ्यास करे ।
One of the slight houses became transparent, so that one could see a woman seated on a tatami in a sumptuous violet kimono embroidered with gold and vivid colours.
उन कच्चे घरों में से एक घर पारदर्शी हो गया था और उसके भीतर सोने तथा चटख रंगों से कढ़े हुए बैंगनी रंग के भव्य किमोनों को पहने टाटामी पर बैठी एक स्त्री देखी जा सकती थी ।
Therefore we seek in your writings not simply what is artistic but what is vivid and forceful.
इसलिए हम आपके लेखन को सामान्य तौर पर इसे केवल कलात्मकता के लिए नहीं बल्कि इसकी विविधता और शक्तिमत्ता के लिए पाना और पढ़ना चाहते हैं ।
Tamas in its own right produces the coarse, dull and ignorant type of human nature, rajas the vivid, restless, kinetic man, driven by the breath of action, passion and desire.
जब प्रकृति में तमोगगुण प्रधान होता है तो वह अपने जिन अधिकार से ही असंस्कृत, जड़ और अज्ञानमय प्रकृतिवाले मनुष्य को जन्म देता है, रजोगुण कर्म आवेश और कामना के श्वास के चालित, प्राणवन्त चंचल एवं क्रियाशील मानव की सृष्टि करता है ।
See you not that Allah drives the clouds gently, then joins them together, then makes them into a heap of layers, and you see the rain comes forth from between them. And He sends down from the sky hail mountains,, and strike therewith whom He will, and averts it from whom He wills. The vivid flash of its lightning nearly blinds the sight..
क्या तुमने देखा नहीं कि अल्लाह बादल को चलाता है । फिर उनको परस्पर मिलाता है । फिर उसे तह पर तह कर देता है । फिर तुम देखते हो कि उसके बीच से मेह बरसता है ? और आकाश से - उसमें जो पहाड़ है - ओले बरसाता है । फिर जिस पर चाहता है, उसे हटा देता है । ऐसा प्रतीत होता है कि बिजली की चमक निगाहों को उचक ले जाएगी
Even today it is one of the most vivid and moving accounts of war ever written.
यह आज भी युद्ध के सबसे सजीव और हृदयस्पर्शी वर्णनों में से एक है ।
Its description makes the book sound nearly as innocent as its 1962 predecessor: The Middle East is suddenly a world transformed. In just one year since the Arab Spring was sparked, millions of citizens from Tunisia to Yemen have taken to the streets in revolution against the old regimes. Tyrants have been overthrown, repression is faltering, and a new generation has asserted itself in the Islamic world. From the editors of TIME comes The New Middle East, a fascinating book chronicling revolution and its impact on the world with eyewitness reporting, exclusive pictures and insightful analysis. In the midst of this upheaval, so much is new and changing: the rights of women, social media, national identity, the role of Islam in politics. Will the people get the economic and social opportunity they yearn for ? What new benefits - and dangers - present themselves for the United States ? TIME Middle East experts Bobby Ghosh, Aryn Baker, Karl Vick and other contributors paint a vivid portrait of a society in the throes of historic change. At least, though, the editors now use the term Middle East rather than Arab world.
किसी के पूर्वाधिकारी की भूलों का प्रभाव होता है । मेरे जैसे विश्लेषक को आशा करनी चाहिये कि डेसमन्ड स्टीवर्ट और लाइफ की भाँति अस्पष्टता ना हो ताकि समय व्यतीत होने के साथ बुरे रूप में न देखा जाये । इसलिये निश्चित रूप से मैं इतिहास इस भाव से पढता हूँ कि व्यापक दृष्टि बने और तात्कालिक अवधारणाओं तक सीमित न रहे । 2062 में यह बतायें कि मैं कैसा कर रहा हूँ ।