Meaning of Unconditioned in Hindi - हिंदी में मतलब

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Ayush Rastogi
Mar 08, 2020   •  1 view
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Synonyms of "Unconditioned"

Antonyms of "Unconditioned"

  • Conditioned

  • Conditional

"Unconditioned" शब्द का वाक्य में प्रयोग

  • What these statements teach is not that the soul and God are one, but that the secondary meaning of the two words is the same, i. e. the unconditioned Self.
    इन उक्तियों द्वारा यह शिक्षा नहीं दी गई है कि जीव और ईश्वर एक ही है, बल्कि यह कि दोनों शब्दों का गौण अर्थ एक ही है, अर्थात, निगुर्ण आत्मा ।

  • There is this great, boundless, unconditioned consciousness and force ; but our consciousness and force stands apart from it, even if within it, limited, petty, discouraged, disgusted with itself and the world, but unable to participate in that higher thing which it has seen.
    यह महान्, असीम, अपरिच्छिन्न चेतना एवं शक्ति विद्यमान है ; पर हमारी चेतना एवं शक्ति इसके अन्तर्गत होती हुई भी इससे पृथक् अवस्थित है, सीमित, क्षुद्र, निरुत्साहित, अपने - आपसे तथा जगत् से विरक्त है, पर जिस उच्चतर चित् - शक्ति का उसने साक्षात्कार किया है उसमें भाग लेने में असमर्थ है ।

  • As all that we are is the play and form, the mental, psychic, vital and physical expression of a supreme Self unconditioned by mind and life and body, the universe too is the play and form and cosmic soul - expression and nature - expression of a supreme Existence which is unconditioned by force and matter, unconditioned by idea and name and form, unconditioned by the fundamental distinction of Purusha and Prakriti.
    जिस प्रकार, हम जो कुछ हैं वह सब मन - प्राण - शरीर से अपरिच्छिन्न परम आत्मा की क्रीड़ा है, उसका एक रूप हैं, उसकी मानसिक, आन्तरात्मिक, प्राणिक और भौतिक अभिव्यक्ति है, उसी प्रकार विश्व भी उस परम सत्ता की लीला एवं रूप है ; उसकी विराट् जीवगत और प्रकृतिगत अभिव्यक्ति है जो सत्ता की शक्ति और जड़तत्त्व से परिच्छिन्न नहीं है, विचार, नाम और रूप से सीमित नहीं है तथा पुरुष और प्रकृति के मौलिक भेद से भी आबद्ध नहीं है ।

  • The method of the traditional way of knowledge, eliminating all these things, arrives at the conception and realisation of a pure conscious existence, self - aware, self - blissful, unconditioned by mind and life and body and to its ultimate positive experience that is Atman, the Self, the original and essential nature of our existence.
    परम्परागत ज्ञानमार्ग की पद्धति इन सभी चीजों का परित्याग करके उस शुद्ध चिन्मय सत्ता की परिकल्पना एवं उपलब्धि पर पहुंचती है जो स्वतः - सचेतन, स्वतः - आनन्दपूर्ण है और मन, प्राण तथा शरीर के द्वारा सीमित नहीं है ; और इसके चरम भावात्मक अनुभव के लिये वह आत्मा है, अर्थात् हमारी सत्ता का मूल और तात्त्विक स्वरूप है ।

  • The total surrender, then, of all our actions to a supreme and universal Will, an unconditioned and standardless surrender of all works to the government of something eternal within us which will replace the ordinary working of the ego - nature, is the way and end of Karmayoga.
    अतएव, समर्पण ही कर्मयोग का साधन तथा साध्य है - अपनी समस्त चेष्टाओ का परम तथा विश्वव्याप इच्छाशक्ति के प्रति पूर्ण समर्पण, अशेष कर्मों का अपन अन्तः स्थिति किसी ऐसी नित्य सत्ता के शासन के प्रति बिना किसी शर्त्त तथा नियम - मर्यादा के समर्पण, जो हमारी अहं - प्रकृति की असाधारण कर्म - प्रणाली का स्थान 216 योग - समन्वय ग्रहण कर लेता है ।

  • As all that we are is the play and form, the mental, psychic, vital and physical expression of a supreme Self unconditioned by mind and life and body, the universe too is the play and form and cosmic soul - expression and nature - expression of a supreme Existence which is unconditioned by force and matter, unconditioned by idea and name and form, unconditioned by the fundamental distinction of Purusha and Prakriti.
    जिस प्रकार, हम जो कुछ हैं वह सब मन - प्राण - शरीर से अपरिच्छिन्न परम आत्मा की क्रीड़ा है, उसका एक रूप हैं, उसकी मानसिक, आन्तरात्मिक, प्राणिक और भौतिक अभिव्यक्ति है, उसी प्रकार विश्व भी उस परम सत्ता की लीला एवं रूप है ; उसकी विराट् जीवगत और प्रकृतिगत अभिव्यक्ति है जो सत्ता की शक्ति और जड़तत्त्व से परिच्छिन्न नहीं है, विचार, नाम और रूप से सीमित नहीं है तथा पुरुष और प्रकृति के मौलिक भेद से भी आबद्ध नहीं है ।

  • The pilgrim ' s progress effectively starts only with the recognition of the truth that the infinite and unconditioned Reality is the sole end for man.
    इस पथ के पथिक की सच्ची प्रगति तभी शुरू होती है जब इस सत्य का बोध हो जाता है कि मनुष्य के लिए एकमात्र साध्य तो अनंत और असीम ब्रहम ही है ।

  • It speaks of God being free from corporality and other conditions to which finite things are subject, but does not carry the idea of the unconditioned to such an extreme as to make it impossible for the limited human intellect to have any idea of God at all.
    वह ईश्वर की भौतिकता एवं स्थितियों से, जिनसे असीम बातें संबद्ध हैं, मुक़्त होने की बात करता है, किंतु अभ्यस्त नहीं होने वालों के विचारों कों उस सीमा तक नहीं ले जाता कि जिससे मनुष्य की सीमित बुद्धि के लिए ईश्वर के संबंध में किंचित भी विचार बनाना असंभव हो जाये.

  • The former is the unconditioned Brahman ; the latter is Brahman as conditioned by nomenclature, configuration, and change.
    इनमे से पहला निरूपाधि ब्रहम है, दूसरा नाम, रूप और विकार की उपाधियोवाला ।

  • It speaks of God being free from corporality and other conditions to which finite things are subject, but does not carry the idea of the unconditioned to such an extreme as to make it impossible for the limited human intellect to have any idea of God at all.
    वह ईश्वर की भौतिकता एवं स्थितियों से, जिनसे असीम बातें संबद्ध हैं, मुक्त होने की बात करता है, किंतु अभ्यस्त नहीं होने वालों के विचारों कों उस सीमा तक नहीं ले जाता कि जिससे मनुष्य की सीमित बुद्धि के लिए ईश्वर के संबंध में किंचित भी विचार बनाना असंभव हो जाये ।

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