अपराध करना
उल्लंघन करना
कष्ट पहुँचाना
अप्रसन्न करना
बुरा लगना
ठेस पहुँचाना
नाराज करना
Pique
Infract
Scandalize
Scandalise
Appal
Appall
She did sometimes offend people by an untimely remark but she never had any ill - will for anyone at heart.
यघपि वह कई बार अपने द्वारा किसी को बेवक्ती कही बात के कारण गुस्सा कर लेते थे, परन्तु उनके दिल में कभी कुछ नहीं होता था ।
The food served by Chunda was perhaps too rich for the weakened state of the Buddha ' s health, but rather than offend his host, the Buddha ate it and consequently fell very sick.
उस रात का खाना इतना गरिष्ट था कि गौतम बुद्ध का बृद्ध एवं जीर्ण - शीर्ण शरीर उसे पचा न सका. पर वह नहीं चाहते थे कि चुण्ड के दिल को ठेस पहुंचे इसलिए उस भोजन को भी ग्रहण कर लिया.
O you who have faith! Do not enter the Prophet’s houses for a meal until you are granted permission, without hanging around for it to be readied. But enter when you are invited, and disperse when you have taken your meal, without cozying up for chats. Such conduct on your part offends the Prophet, and he is ashamed of you ; but Allah is not ashamed of the truth. When you ask womenfolk for something, do so from behind a curtain. That is more chaste for your hearts and theirs. You should not offend the Apostle of Allah, nor may you ever marry his wives after him. Indeed that would be a grave with Allah.
ऐ ईमान लानेवालो! नबी के घरों में प्रवेश न करो, सिवाय इसके कि कभी तुम्हें खाने पर आने की अनुमति दी जाए । वह भी इस तरह कि उसकी तैयारी की प्रतिक्षा में न रहो । अलबत्ता जब तुम्हें बुलाया जाए तो अन्दर जाओ, और जब तुम खा चुको तो उठकर चले जाओ, बातों में लगे न रहो । निश्चय ही यह हरकत नबी को तकलीफ़ देती है । किन्तु उन्हें तुमसे लज्जा आती है । किन्तु अल्लाह सच्ची बात कहने से लज्जा नहीं करता । और जब तुम उनसे कुछ माँगों तो उनसे परदे के पीछे से माँगो । यह अधिक शुद्धता की बात है तुम्हारे दिलों के लिए और उनके दिलों के लिए भी । तुम्हारे लिए वैध नहीं कि तुम अल्लाह के रसूल को तकलीफ़ पहुँचाओ और न यह कि उसके बाद कभी उसकी पत्नियों से विवाह करो । निश्चय ही अल्लाह की दृष्टि में यह बड़ी गम्भीर बात है
There are some among them who talk ill of the Prophet by saying:" He listens to everyone." Tell them:" He listens for your good, and trusts in God and trusts the faithful, and he is a blessing for those who believe. For those who offend the Apostle of God there is painful punishment."
और उसमें से बाज़ ऐसे भी हैं जो रसूल को सताते हैं और कहते हैं कि बस ये कान ही हैं तुम कह दो कि तुम्हारी भलाई सुन्ने के कान हैं कि ख़ुदा पर ईमान रखते हैं और मोमिनीन की का यक़ीन रखते हैं और तुममें से जो लोग ईमान ला चुके हैं उनके लिए रहमत और जो लोग रसूले ख़ुदा को सताते हैं उनके लिए दर्दनाक अज़ाब हैं
Those who offend faithful men and women undeservedly, certainly bear the guilt of slander and flagrant sin.
और जो लोग ईमानवाले पुरुषों और ईमानवाली स्त्रियों को, बिना इसके कि उन्होंने कुछ किया हो, दुख पहुँचाते है, उन्होंने तो बड़े मिथ्यारोपण और प्रत्यक्ष गुनाह का बोझ अपने ऊपर उठा लिया
That is not perhaps the way of politicians for ' in politics people are very careful of what they say and do not say lest they offend some group or individual and lose support.
लेकिन यह राजनीतिज्ञों का तरीका नहीं है, क़्योंकि राजनीति के मामलों में लोग जो कुछ कहते हैं, बहुत होशियारी से कहते हैं और इस गरज से तो हरगिज नहीं कि किसी तबके या किसी व्यक़्ति को नाराज कर दें और उसकी हमदर्दी खो दें.
Greedy and cruel tyrants, however, present two problems to the West. By focusing on personal priorities to the detriment of national interests, they lay the groundwork for further problems, from terrorism to separatism to revolution ; and by repressing their subjects, they offend the sensibilities of Westerners. How can those who promote freedom, individualism, and the rule of law condone oppression ?
वैसे तो लोभी और क्रूर उत्पीडक शासक पश्चिम के लिये दो समस्यायें प्रस्तुत करते हैं । राष्ट्रीय हितों के ऊपर अपनी व्यक्तिगत प्राथमिकताओं पर अधिक ध्यान देकर वे अन्य समस्याओं के लिये आधार तैयार करते हैं जिनमें आतंकवाद से लेकर अलगाववाद और विद्रोह तक शामिल हैं, साथ ही अपनी प्रजा का उत्पीडन कर वे पश्चिमवासियों की संवेदना पर भी प्रहार करते हैं । आखिर जो स्वतन्त्रता, व्यक्तिवाद और विधि के शासन को आगे बढाता है वह उत्पीडन का समर्थन कैसे कर सकता है ?
Those who offend God and His Prophet will be damned in this world and the next. There is a shameful punishment ready for them.
जो लोग अल्लाह और उसके रसूल को दुख पहुँचाते है, अल्लाह ने उनपर दुनिया और आख़िरत में लानत की है और उनके लिए अपमानजनक यातना तैयार कर रखी है
This segues to a second goal - Muslim supremacy and Western inferiority. Islamists routinely say and do things more offensive to Westerners than anything Westerners do vis - à - vis Muslims. They openly despise Western culture ; in the words of an Algerian Islamist, it ' s not a civilization, but a “ syphilization. ” Their mainstream media publishes coarser, viler, and more violent cartoons than anything commissioned by Flemming Rose. They freely insult Judaism, Christianity, Hinduism, and Buddhism. They murder Jews just for being Jews, like Daniel Pearl in Pakistan, Sébastian Sellam and Ilan Halimi in France, and Pamela Waechter and Ariel Sellouk in the United States. Whether because of fear or inattention, Westerners assent to an imbalance whereby Muslims may offend and attack while they themselves are shielded from any such indignities or pains.
इसी में दूसरा लक्ष्य छुपा हुआ है - मुस्लिम प्रभुता और पश्चिमी हीनभावना । इस्लामवादी सामान्य रूप से पश्चिम के विरुद्ध आक्रामक ढंग से व्यवहार करते हैं जबकि ऐसा इस्लाम के प्रति पश्चिम के मामले में नहीं है । वे पश्चिमी संस्कृति के विरुद्ध खुले रूप में अवमानना परक बाते करते हैं जैसा कि अल्जीरिया के एक इस्लामवादी ने इसके विरुद्ध अश्लील बात कही । उनका मुख्यधारा का मीडिया ऐसे आक्रामक कार्टून प्रकाशित करता है जिसके मुकाबले फ्लेमिंग रोज का कार्टून कुछ नहीं है । वे खुले रूप में यहूदी, ईसाई, हिन्दू और बौद्ध को अपमानित करते हैं । वे यहूदियों को केवल इसलिये मारते हैं कि वे यहूदी हैं जैसा कि पाकिस्तान में डैनियल पर्ल को मार दिया गया, फ्रांस में सेबेस्टैयन सेलाम और इलान हलीमी को और संयुक्त राज्य अमेरिका में पामेला वेचर और एरियल सेलोक को । चाहे पश्चिमी लोग ध्यान न देते हों या फिर भयभीत रहते हों कि वे असंतुलन को सहन कर जाते हैं कि जब मुस्लिम पश्चिमी लोगों पर आक्रमण कर जाते हैं जबकि स्वयं ऐसे किसी आक्रमण से बच जाते हैं ।
O you who have faith! Do not enter the Prophet’s houses for a meal until you are granted permission, without hanging around for it to be readied. But enter when you are invited, and disperse when you have taken your meal, without cozying up for chats. Such conduct on your part offends the Prophet, and he is ashamed of you ; but Allah is not ashamed of the truth. When you ask womenfolk for something, do so from behind a curtain. That is more chaste for your hearts and theirs. You should not offend the Apostle of Allah, nor may you ever marry his wives after him. Indeed that would be a grave with Allah.
ऐ ईमानदारों तुम लोग पैग़म्बर के घरों में न जाया करो मगर जब तुमको खाने के वास्ते इजाज़त दी जाए उसके पकने का इन्तेज़ार न करो मगर जब तुमको बुलाया जाए तो जाओ और फिर जब खा चुको तो चले जाया करो और बातों में न लग जाया करो क्योंकि इससे पैग़म्बर को अज़ीयत होती है तो वह तुम्हारा लैहाज़ करते हैं और खुदा तो ठीक से झेंपता नहीं और जब पैग़म्बर की बीवियों से कुछ माँगना हो तो पर्दे के बाहर से माँगा करो यही तुम्हारे दिलों और उनके दिलों के वास्ते बहुत सफाई की बात है और तुम्हारे वास्ते ये जायज़ नहीं कि रसूले खुदा को अज़ीयत दो और न ये जायज़ है कि तुम उसके बाद कभी उनकी बीवियों से निकाह करो बेशक ये ख़ुदा के नज़दीक बड़ा है