अपराध करना
अतिक्रमण करना
हद पार करना
उल्लंघन करना
पाप करना
भूभाग तक प्रसारित होना
The sacred month is for the sacred month, and for the prohibited things, there is the Law of Equality. Then whoever transgresses the prohibition against you, you transgress likewise against him. And fear Allah, and know that Allah is with Al - Muttaqun.
प्रतिष्ठित महीना बराबर है प्रतिष्ठित महिने के, और समस्त प्रतिष्ठाओं का भी बराबरी का बदला है । अतः जो तुमपर ज़्यादती करे, तो जैसी ज़्यादती वह तुम पर के, तुम भी उसी प्रकार उससे ज़्यादती का बदला लो । और अल्लाह का डर रखो और जान लो कि अल्लाह डर रखनेवालों के साथ है
Between them is a barrier which none of them can transgress.
दो के दरमियान एक हद्दे फ़ासिल है जिससे तजाउज़ नहीं कर सकते
The sacred month is for the sacred month, and for the prohibited things, there is the Law of Equality. Then whoever transgresses the prohibition against you, you transgress likewise against him. And fear Allah, and know that Allah is with Al - Muttaqun.
हुरमत वाला महीना हुरमत वाले महीने के बराबर है सब हुरमत वाली चीजे एक दूसरे के बराबर हैं पस जो शख्स तुम पर ज्यादती करे तो जैसी ज्यादती उसने तुम पर की है वैसी ही ज्यादती तुम भी उस पर करो और ख़ुदा से डरते रहो और खूब समझ लो कि ख़ुदा परहेज़गारों का साथी है
A divorce is only permissible twice: after that, the parties should either hold Together on equitable terms, or separate with kindness. It is not lawful for you,, to take back any of your gifts, except when both parties fear that they would be unable to keep the limits ordained by Allah. If ye do indeed fear that they would be unable to keep the limits ordained by Allah, there is no blame on either of them if she give something for her freedom. These are the limits ordained by Allah ; so do not transgress them if any do transgress the limits ordained by Allah, such persons wrong.
तलाक़ दो बार है । फिर सामान्य नियम के अनुसार रोक लिया जाए या भले तरीक़े से विदा कर दिया जाए । और तुम्हारे लिए वैध नहीं है कि जो कुछ तुम उन्हें दे चुके हो, उसमें से कुछ ले लो, सिवाय इस स्थिति के कि दोनों को डर हो कि अल्लाह की सीमाओं पर क़ायम न रह सकेंगे तो यदि तुमको यह डर हो कि वे अल्लाह की सीमाओ पर क़ायम न रहेंगे तो स्त्री जो कुछ देकर छुटकारा प्राप्त करना चाहे उसमें उन दोनो के लिए कोई गुनाह नहीं । ये अल्लाह की सीमाएँ है । अतः इनका उल्लंघन न करो । और जो कोई अल्लाह की सीमाओं का उल्लंघन करे तो ऐसे लोग अत्याचारी है
Divorce is twice, then an honorable keeping or allowed to go with kindness. It is unlawful for you to take from them anything you have given them, unless both fear that they will not be able to keep within the Bounds of Allah ; in which case it shall be no offense for either of them if she ransom herself. These are the Bounds of Allah ; do not transgress them. Those who transgress the Bounds of Allah are harmdoers.
तलाक़ रजअई जिसके बाद रुजू हो सकती है दो ही मरतबा है उसके बाद या तो शरीयत के मवाफिक़ रोक ही लेना चाहिए या हुस्न सुलूक से बिल्कुल रूख़सत और तुम को ये जायज़ नहीं कि जो कुछ तुम उन्हें दे चुके हो उस में से फिर कुछ वापस लो मगर जब दोनों को इसका ख़ौफ़ हो कि ख़ुदा ने जो हदें मुक़र्रर कर दी हैं उन को दोनो मिया बीवी क़ायम न रख सकेंगे फिर अगर तुम्हे ये ख़ौफ़ हो कि यह दोनो ख़ुदा की मुकर्रर की हुई हदो पर क़ायम न रहेंगे तो अगर औरत मर्द को कुछ देकर अपना पीछा छुड़ाए तो इसमें उन दोनों पर कुछ गुनाह नहीं है ये ख़ुदा की मुक़र्रर की हुई हदें हैं बस उन से आगे न बढ़ो और जो ख़ुदा की मुक़र्रर की हुईहदों से आगे बढ़ते हैं वह ही लोग तो ज़ालिम हैं
Fight for the cause of God, those who fight you, but do not transgress, for God does not love the transgressors.
और जो लोग तुम से लड़े तुम ख़ुदा की राह में उनसे लड़ो और ज्यादती न करो ख़ुदा ज्यादती करने वालों को हरगिज़ दोस्त नहीं रखता
saying:" Partake of the good things that We have provided for you, but do not transgress lest My wrath fall upon you ; for he upon whom My wrath falls is ruined.
और कि हमने जो पाक व पाक़ीज़ा रोज़ी तुम्हें दे रखी है उसमें से खाओ और उसमें शरारत न करो वरना तुम पर मेरा अज़ाब नाज़िल हो जाएगा और जिस पर मेरा ग़ज़ब नाज़िल हुआ तो वह यक़ीनन गुमराह हुआ
Divorce is twice, then an honorable keeping or allowed to go with kindness. It is unlawful for you to take from them anything you have given them, unless both fear that they will not be able to keep within the Bounds of Allah ; in which case it shall be no offense for either of them if she ransom herself. These are the Bounds of Allah ; do not transgress them. Those who transgress the Bounds of Allah are harmdoers.
तलाक़ दो बार है । फिर सामान्य नियम के अनुसार रोक लिया जाए या भले तरीक़े से विदा कर दिया जाए । और तुम्हारे लिए वैध नहीं है कि जो कुछ तुम उन्हें दे चुके हो, उसमें से कुछ ले लो, सिवाय इस स्थिति के कि दोनों को डर हो कि अल्लाह की सीमाओं पर क़ायम न रह सकेंगे तो यदि तुमको यह डर हो कि वे अल्लाह की सीमाओ पर क़ायम न रहेंगे तो स्त्री जो कुछ देकर छुटकारा प्राप्त करना चाहे उसमें उन दोनो के लिए कोई गुनाह नहीं । ये अल्लाह की सीमाएँ है । अतः इनका उल्लंघन न करो । और जो कोई अल्लाह की सीमाओं का उल्लंघन करे तो ऐसे लोग अत्याचारी है
Therefore stand firm as thou art commanded, - thou and those who with thee turn ; and transgress not: for He seeth well all that ye do.
अतः जैसा तुम्हें आदेश हुआ है, जमें रहो और तुम्हारे साथ के तौबा करनेवाले भी जमें रहें, और सीमोल्लंघन न करना । जो कुछ भी तुम करते हो, निश्चय ही वह उसे देख रहा है
Divorce is twice, then an honorable keeping or allowed to go with kindness. It is unlawful for you to take from them anything you have given them, unless both fear that they will not be able to keep within the Bounds of Allah ; in which case it shall be no offense for either of them if she ransom herself. These are the Bounds of Allah ; do not transgress them. Those who transgress the Bounds of Allah are harmdoers.
तलाक़ रजअई जिसके बाद रुजू हो सकती है दो ही मरतबा है उसके बाद या तो शरीयत के मवाफिक़ रोक ही लेना चाहिए या हुस्न सुलूक से बिल्कुल रूख़सत और तुम को ये जायज़ नहीं कि जो कुछ तुम उन्हें दे चुके हो उस में से फिर कुछ वापस लो मगर जब दोनों को इसका ख़ौफ़ हो कि ख़ुदा ने जो हदें मुक़र्रर कर दी हैं उन को दोनो मिया बीवी क़ायम न रख सकेंगे फिर अगर तुम्हे ये ख़ौफ़ हो कि यह दोनो ख़ुदा की मुकर्रर की हुई हदो पर क़ायम न रहेंगे तो अगर औरत मर्द को कुछ देकर अपना पीछा छुड़ाए तो इसमें उन दोनों पर कुछ गुनाह नहीं है ये ख़ुदा की मुक़र्रर की हुई हदें हैं बस उन से आगे न बढ़ो और जो ख़ुदा की मुक़र्रर की हुईहदों से आगे बढ़ते हैं वह ही लोग तो ज़ालिम हैं