मिलना
स्वागत करना
अभिवादन करना
अचानक सामने आ जाना
प्रणाम करना
अचानक दिखाई देना
Have you noted those who were prohibited from conspiring secretly, but then reverted to what they were prohibited from ? They conspire to commit sin, and aggression, and defiance of the Messenger. And when they come to you, they greet you with a greeting that God never greeted you with. And they say within themselves, “ Why does God not punish us for what we say ? ” Hell is enough for them. They will roast in it. What a miserable destiny!
क्या तुमने नहीं देखा जिन्हें कानाफूसी से रोका गया था, फिर वे वही करते रहे जिससे उन्हें रोका गया था । वे आपस में गुनाह और ज़्यादती और रसूल की अवज्ञा की कानाफूसी करते है । और जब तुम्हारे पास आते है तो तुम्हारे प्रति अभिवादन के ऐसे शब्द प्रयोग में लाते है जो शब्द अल्लाह ने तुम्हारे लिए अभिवादन के लिए नहीं कहे । और अपने जी में कहते है," जो कुछ हम कहते है उसपर अल्लाह हमें यातना क्यों नहीं देता ?" उनके लिए जहन्नम ही काफ़ी है जिसमें वे प्रविष्ट होंगे । वह तो बहुत बुरी जगह है, अन्त नें पहुँचने की!
The emperor would greet his people from this tower.
इस बुर्ज से बादशाह जनता को दर्शन देते थे ।
And when you are greeted with a greeting, greet with a better than it or return it ; surely Allah takes account of all things.
और जब कोई शख्स सलाम करे तो तुम भी उसके जवाब में उससे बेहतर तरीक़े से सलाम करो या वही लफ्ज़ जवाब में कह दो बेशक ख़ुदा हर चीज़ का हिसाब करने वाला है
He was hosted at the house of the most celebrated of Arab poets, Ahmed Shawki, where to his surprise, many of the political leaders turned up to greet him, postponing the Parliament session by an hour.
उन्हें अरब कवियों में सबसे प्रख्यात अहमद शाकी के निवास स्थान पर ठहराया गया था और उन्हें तब सुखद आश्चर्य हुआ जब बहुत से राजनीतिक नेता एक घंटे के लिए संसद का सत्र स्थगित करके उनका स्वागत करने के लिए वहां पहुंचे ।
Have you not seen those who were forbidden to whisper and yet they engaged in what they had been forbidden ? They secretly converse among themselves concerning sin and transgression and disobedience to the Messenger. And when they come to you, they greet you in a manner that Allah does not greet you, and say to themselves: “ Why does Allah not chastise us for these utterances of ours ? ” Hell it is that shall suffice them, and in it will they burn. How woeful is their destination!
क्या तुमने नहीं देखा जिन्हें कानाफूसी से रोका गया था, फिर वे वही करते रहे जिससे उन्हें रोका गया था । वे आपस में गुनाह और ज़्यादती और रसूल की अवज्ञा की कानाफूसी करते है । और जब तुम्हारे पास आते है तो तुम्हारे प्रति अभिवादन के ऐसे शब्द प्रयोग में लाते है जो शब्द अल्लाह ने तुम्हारे लिए अभिवादन के लिए नहीं कहे । और अपने जी में कहते है," जो कुछ हम कहते है उसपर अल्लाह हमें यातना क्यों नहीं देता ?" उनके लिए जहन्नम ही काफ़ी है जिसमें वे प्रविष्ट होंगे । वह तो बहुत बुरी जगह है, अन्त नें पहुँचने की!
Perhaps the characters will move around, greet other puppets, or they may form small groups and talk together.
हो सकता है कि पात्र पुतलियां चल - फिर कर, अन्य पात्रों का अभिवादन करना चाहें अथवा छोटे दलों में बंटकर परस्पर वार्तालाप करना चाहें ।
A Giant Step for Mankind ON ITS BICENTENNIAL, I greet the United States of America on behalf of the 600 million people of India.
संयुक्त राज्य अमरीका को मैं उसके द्विशताब्दी समारोहों पर, भारत के 60 करोड लोगों की ओर से बधाई देती हूं ।
And when you are greeted with some words, greet back with words better than it or with the same ; indeed Allah will take account of everything.
और जब कोई शख्स सलाम करे तो तुम भी उसके जवाब में उससे बेहतर तरीक़े से सलाम करो या वही लफ्ज़ जवाब में कह दो बेशक ख़ुदा हर चीज़ का हिसाब करने वाला है
Have you not seen those who were forbidden to whisper and yet they engaged in what they had been forbidden ? They secretly converse among themselves concerning sin and transgression and disobedience to the Messenger. And when they come to you, they greet you in a manner that Allah does not greet you, and say to themselves: “ Why does Allah not chastise us for these utterances of ours ? ” Hell it is that shall suffice them, and in it will they burn. How woeful is their destination!
क्या तुमने नहीं देखा जिन्हें कानाफूसी से रोका गया था, फिर वे वही करते रहे जिससे उन्हें रोका गया था । वे आपस में गुनाह और ज़्यादती और रसूल की अवज्ञा की कानाफूसी करते है । और जब तुम्हारे पास आते है तो तुम्हारे प्रति अभिवादन के ऐसे शब्द प्रयोग में लाते है जो शब्द अल्लाह ने तुम्हारे लिए अभिवादन के लिए नहीं कहे । और अपने जी में कहते है," जो कुछ हम कहते है उसपर अल्लाह हमें यातना क्यों नहीं देता ?" उनके लिए जहन्नम ही काफ़ी है जिसमें वे प्रविष्ट होंगे । वह तो बहुत बुरी जगह है, अन्त नें पहुँचने की!
Believers, do not enter houses other than your houses until you first ask permission and greet with peace the people thereof ; that is better for you in order that you remember.
ऐ ईमान लानेवालो! अपने घरों के सिवा दूसरे घऱों में प्रवेश करो, जब तक कि रज़ामन्दी हासिल न कर लो और उन घरवालों को सलाम न कर लो । यही तुम्हारे लिए उत्तम है, कदाचित तुम ध्यान रखो