बिहार में "बुखार", सो रही "सुशासन सरकार"!

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Nishant Jaiswal
Jun 18, 2019   •  54 views

पूरे देश मे अपने सरकार की सुशासन व्यवस्था का ढिंढोरा पीटते नीतीश कुमार आजकल पटना में बैठकर अपनी नींद पूरी कर रहे हैं। बिहार के मुजफ्फरपुर में एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) का कहर इस कदर फैल गया कि 108 माँ की गोद उजड़ गयी। मुजफ्फरपुर में अबतक AES के तांडव से 100 से ज्यादा मासूमो ने बेमौत दम तोड़ दिया। आज पूरा बिहार बच्चों की चीख से गूंज रहा है, पर सूबे की सरकार बेखबर बेखयाल बेहोश है।

पूरे बिहार में अबतक 485 बच्चे "चमकी बुखार" से ग्रसित हो चुके हैं लोगो का कहना है कि यह बीमारी हर वर्ष गर्मी के महीनों में होती आ रही है, कुछ का कहना है कि यह बुखार लीची खाने से हो रहा है तो कुछ का कहना है ये सब गर्मी की वजह से हो रहा है, बीमारी की असली वजह कििसी को नही पता , जितनी मुँह उतनी बातें।

लेकिन सच्चाई यह है कि सालो से चले आ रहे इस चमकी बुखार की वजह आजतक पता नही की गयी। अस्पतालों की स्वास्थ्य व्यवस्था की आत्मा एकदम मर चुकी है, अस्पतालों के सुविधा और संसाधन चीख चीख कर नीतिश सरकार से पूछ रही है -

ये है बिहार का "सुशासन"?

शर्म आनी चाहिए उन नेताओं को जो अपने आप को जनसेवक करार देते आ रहे हैं,

"ये है आपकी जनसेवा?"

बेखबर बेहोश नीतीश सरकार से सवाल ये है कि -

"आखिर वर्षों से चली आ रही इस बीमारी के निस्तारण को आपकी 'सुशासित सरकार' ने क्या किया?"

हर साल चुनावी वादे किए जाते हैं , पर हर साल उन वादों को दरकिनार कर दिया जाता है।

हर साल सूबे की सरकार हाथ पर हाथ धरे इस तूफान के थमने का इन्तेजार करती हैं।

मुजफ्फरपुर से 75 किमी दूर पटना में बैठे नीतीश कुमार जी, आपने उन बच्चों की चीख जरूर सुनी होगी, लोगो का आक्रोश जरूर देखा होगा, फिर "सुशासन बाबू" आप ख़ामोश क्यों है?

सुशासन सरकार से सवाल यह भी है कि

इस देश मे आम नागरिक की जान की कीमत बची है या नही?"

सुशासन बाबू को होश भी आया तो तब, जब मौत का आंकड़ा शतक लगा चुका था। 18 जून को नीतीश बाबू बिहार के SKMCH अस्पताल का मुआयना करने पहुँचे, तो शर्मशार थे, न मरीजों से मिले न लोगो को जवाब दिया। बिहार में लोगों का आक्रोश विकराल रूप ले रहा है, परिजनों की चीख कराह रही है।

सवालों के कटघरे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन जी भी है कि

डॉक्टर साहब मरीजों से मिलने में बड़ी देर लगा दी आपने?

सवालो का जवाब न केंद्र सरकार के पास है न ही सूबे की सुशासित सरकार के पास।

मुजफ्फरपुर से बीजेपी सांसद अजय निषाद को इस बिमारी के पीछे 4G यानी गांव,गरीबी, गंदगी और गर्मी नजर आ रही है। तो सांसद साहब लड़ना चाहिए था न आपको इस "4G" से।

वाह! सांसद साहब जिस बीमारी का आजतक वर्षो से कारण पता नही चला, उसे सांसद जी ने चन्द मिनटों में पता लगा कर बता दिया ।

"गजब है निषाद साहब , और गजब है आपका 4G! "

सरकार की लापरवाही की वजह से आज बिहार में मातम छा गया है। अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था पसर चुकी है, न बुखार का कारण पता है और न ही इसके उपचार का प्रोटोकॉल।

सुशासन बाबू के सामने इस वक्त सबसे बड़ी चुनौती यह है कि-

"इस बुखार का कारण और निवारण जल्द से जल्द पता किया जाए ताकि अगले साल किसी आंगन की किलकारियों को यूँही मौत के घाट न उतार दिया जाए"

निशान्त जायसवाल

विद्युत अभियंत्रिकी प्रथम वर्ष

आई०ई०टी० लखनऊ

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