मुश्किलों में कौन कहाँ होता है..

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Shubham Pathak
Aug 26, 2020   •  27 views

मुश्किलों में आख़िर कौन कहाँ होता है

इक माँ जो पास होती है, तो सारा जहाँ होता है।

क्यों भटक रहे हो आख़िर मंदिर-मस्ज़िद में

माँ जिधर भी होती है, ख़ुदा भी वहाँ होता है।

थक गया था लड़ते लड़ते मुश्किलों से मैं

माँ ने सर पर हाथ क्या फेरा,मुझको नींद आ गयी।

हर दिन मेरा त्यौहार सा अब लगने लगा है

माँ ने नए कपड़े दिए, और मेरी ईद आ गयी।

मैं लाख बुरा हो सकता हूँ पर तब अच्छा बन जाता हूँ

माँ सामने जब भी आती है, मैं तब बच्चा बन जाता हूँ।

हूँ कभी बोलता झूठ अगर मैं, तो वो जान जाती है

माँ प्यार से जब भी पूँछती है, मैं तब सच्चा बन जाता हूँ।

शुभम पाठक

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