अनुपयुक्तता से
अनुपयुक्त रूप से
Barada knew very well that Poresh had no practical sense, that he had no idea of what would and what would not be convenient in domestic matters, thus went and committed himself most unsuitably.
वरदासुन्दरी जानती थीं कि परेश को लो - व्यवहार का ज्ञान बिलकुल नहीं है, दुनिया में किस बात से क्या सुविधा या असुविधा होती है इस बारे में वह कभी कुछ सोचते ही नहीं, सहसा एक - न - एक काम कर बैठते है ।