सान्त्वना/उपशम
सांत्वना
सांत्वना देना
तसल्ली
तसल्ली देना
सान्त्वना देना/दुःख कम कर देना
ढाढ़स
Solacement
Nancy received much solace from the cards and phone calls received from friends in the weeks after her husband died.
अपने पति की मृत्यु के बाद मित्रों के फोन और पत्रों से नेन्सी को काफी सांत्वना मिली ।
He looks around for solace and support and knocks at all kinds of doors.
हर क्षण उसकी आत्मा सहारा और सान्त्वना उड़ीकती हुई द्वार - द्वार भटका करती है ।
The poor young boy went back crying to his mother, who consoled him and asked him to pray to Lord Vishnu for solace.
अपमानित ध्रुव मां के पास पहुचा. मां ने सांत्वना दी और भगवान् विष्णु का भजन करने को कहा.
The heart gets solace to hear such words of pious determination.
ऐसे शुभ निचश्य की बात सुनकर ह्रदय को बहुत सुख मिलता है ।
Swami Vivekananda continued to give her solace and courage.
फिर भी स्वामी विवेकानंद उसे सांत्वना देते रहे और हिम्मत बंधाते रहे ।
Fortunately for him he came in touch with a wise woman from a decent family who could offer some solace to his tortured soul.
सौभाग्यवश वह अच्छे परिवार की एक समझदार स्त्री के संपर्क में आए, जो उनकी दुःखी आत्मा को सांत्वना दे सकती थी ।
People flocked to him for advice and solace in their troubles.
लोग उनसे सलाह लेने ओर अपनी तकलीफों से मुक्ति का रास्ता जानने के लिए उन्हें घेरे रहते ।
It should be realized that a common citizen is actively cooperating and he should also have solace that he is also making his own contributions.
नागरिक सक्रिय सहयोग दे रहा है—यह दिखाई देना चाहिए और उसके मन को भी इस बात की शांति मिलनी चाहिए कि मेरा भी कुछ योगदान है ।
Further than that, his articles on this theory of Passivity in Activity proved a great source of solace to the contemporary generation of Gujarati youths who were bewildered by the influence of Western education.
इसके अतिरिक्त, क्रिया में निष्क्रियता विषय पर लिखे गये उनके लेख समकालीन गुजराती युवा पीढ़ी के लिये सान्त्वना का स्त्रोत सिद्ध हुए जो पश्चिमी शिक्षा से किंकर्तव्यविमूढ़ हो गये थे ।
Even Ramabhai Neelkanth appreciated the play and considered it as ' the only solace ' in the dry land of Gujarati drama upto 1909.
यहाँ तक कि रमणभाई नीलकंठ ने नाटक की प्रशंसा की थी और सन् 1909 तक गुजराती नाटक की मरूभूमि में इसे एकमात्र आश्रय माना है ।