Meaning of Slumber in Hindi - हिंदी में मतलब

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Ayush Rastogi
Mar 08, 2020   •  1 view
  • सोना

  • अल्पनिद्रा

  • नींद

Synonyms of "Slumber"

Antonyms of "Slumber"

"Slumber" शब्द का वाक्य में प्रयोग

  • Allah! There is no deity save Him, the Alive, the Eternal. Neither slumber nor sleep overtaketh Him. Unto Him belongeth whatsoever is in the heavens and whatsoever is in the earth. Who is he that intercedeth with Him save by His leave ? He knoweth that which is in front of them and that which is behind them, while they encompass nothing of His knowledge save what He will. His throne includeth the heavens and the earth, and He is never weary of preserving them. He is the Sublime, the Tremendous.
    अल्लाह कि जिसके सिवा कोई पूज्य - प्रभु नहीं, वह जीवन्त - सत्ता है, सबको सँभालने और क़ायम रखनेवाला है । उसे न ऊँघ लगती है और न निद्रा । उसी का है जो कुछ आकाशों में है और जो कुछ धरती में है । कौन है जो उसके यहाँ उसकी अनुमति के बिना सिफ़ारिश कर सके ? वह जानता है जो कुछ उनके आगे है और जो कुछ उनके पीछे है । और वे उसके ज्ञान में से किसी चीज़ पर हावी नहीं हो सकते, सिवाय उसके जो उसने चाहा । उसकी कुर्सी आकाशों और धरती को व्याप्त है और उनकी सुरक्षा उसके लिए तनिक भी भारी नहीं और वह उच्च, महान है

  • We have to rise from our slumber and beat the inertia that defines our current state of functioning.
    हमें उस जकड़न को छोड़ना होगा और निष्क्रियता को कम करना होगा जो हमारे वर्तमान कामकाज के स्तर को निरूपित करते हैं ।

  • Allah! La ilaha illa Huwa, the Ever Living, the One Who sustains and protects all that exists. Neither slumber, nor sleep overtake Him. To Him belongs whatever is in the heavens and whatever is on earth. Who is he that can intercede with Him except with His Permission ? He knows what happens to them in this world, and what will happen to them in the Hereafter. And they will never compass anything of His Knowledge except that which He wills. His Kursi extends over the heavens and the earth, and He feels no fatigue in guarding and preserving them. And He is the Most High, the Most Great.
    अल्लाह कि जिसके सिवा कोई पूज्य - प्रभु नहीं, वह जीवन्त - सत्ता है, सबको सँभालने और क़ायम रखनेवाला है । उसे न ऊँघ लगती है और न निद्रा । उसी का है जो कुछ आकाशों में है और जो कुछ धरती में है । कौन है जो उसके यहाँ उसकी अनुमति के बिना सिफ़ारिश कर सके ? वह जानता है जो कुछ उनके आगे है और जो कुछ उनके पीछे है । और वे उसके ज्ञान में से किसी चीज़ पर हावी नहीं हो सकते, सिवाय उसके जो उसने चाहा । उसकी कुर्सी आकाशों और धरती को व्याप्त है और उनकी सुरक्षा उसके लिए तनिक भी भारी नहीं और वह उच्च, महान है

  • Then, after sorrow, He sent down upon you safety. slumber overtook a party, while another party cared only for themselves, thinking of Allah thoughts that were not true, the guess of ignorance, saying: ' Have we any say in the affair ' Say: ' The entire affair belongs to Allah ' They conceal in themselves what they do not disclose to you. They say: ' If we had any say in the affair we should not have been killed here ' Say: ' Had you stayed in your homes, those of you for whom slaying was written would have come out to their beds so that Allah might try what was in your chests and that He will examine what is in your hearts ' And Allah knows the innermost of the chests.
    फिर इस शोक के पश्चात उसने तुमपर एक शान्ति उतारी - एक निद्रा, जो तुममें से कुछ लोगों को घेर रही थी और कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्हें अपने प्राणों की चिन्ता थी । वे अल्लाह के विषय में ऐसा ख़याल कर रहे थे, जो सत्य के सर्वथा प्रतिकूल, अज्ञान का ख़याल था । वे कहते थे," इन मामलों में क्या हमारा भी कुछ अधिकार है ?" कह दो," मामले तो सबके सब अल्लाह के हैं ।" वे जो कुछ अपने दिलों में छिपाए रखते है, तुमपर ज़ाहिर नहीं करते । कहते है," यदि इस मामले में हमारा भी कुछ अधिकार होता तो हम यहाँ मारे न जाते ।" कह दो," यदि तुम अपने घरों में भी होते, तो भी जिन लोगों का क़त्ल होना तय था, वे निकलकर अपने अन्तिम शयन - स्थलों कर पहुँचकर रहते ।" और यह इसलिए भी था कि जो कुछ तुम्हारे सीनों में है, अल्लाह उसे परख ले और जो कुछ तुम्हारे दिलों में है उसे साफ़ कर दे । और अल्लाह दिलों का हाल भली - भाँति जानता है

  • God there is no god but He, the Living, the Everlasting. slumber seizes Him not, neither sleep ; to Him belongs all that is in the heavens and the earth. Who is there that shall intercede with Him save by His leave ? He knows what lies before them and what is after them, and they comprehend not anything of His knowledge save such as He wills. His Throne comprises the heavens and earth ; the preserving of them oppresses Him not ; He is the All - high, the All - glorious.
    अल्लाह कि जिसके सिवा कोई पूज्य - प्रभु नहीं, वह जीवन्त - सत्ता है, सबको सँभालने और क़ायम रखनेवाला है । उसे न ऊँघ लगती है और न निद्रा । उसी का है जो कुछ आकाशों में है और जो कुछ धरती में है । कौन है जो उसके यहाँ उसकी अनुमति के बिना सिफ़ारिश कर सके ? वह जानता है जो कुछ उनके आगे है और जो कुछ उनके पीछे है । और वे उसके ज्ञान में से किसी चीज़ पर हावी नहीं हो सकते, सिवाय उसके जो उसने चाहा । उसकी कुर्सी आकाशों और धरती को व्याप्त है और उनकी सुरक्षा उसके लिए तनिक भी भारी नहीं और वह उच्च, महान है

  • Allah! There is no god but He, - the Living, the Self - subsisting, Eternal. No slumber can seize Him nor sleep. His are all things in the heavens and on earth. Who is there can intercede in His presence except as He permitteth ? He knoweth what before or after or behind them. Nor shall they compass aught of His knowledge except as He willeth. His Throne doth extend over the heavens and the earth, and He feeleth no fatigue in guarding and preserving them for He is the Most High, the Supreme.
    ख़ुदा ही वो ज़ाते पाक है कि उसके सिवा कोई माबूद नहीं ज़िन्दा है सारे जहान का संभालने वाला है उसको न ऊँघ आती है न नींद जो कुछ आसमानो में है और जो कुछ ज़मीन में है उसी का है कौन ऐसा है जो बग़ैर उसकी इजाज़त के उसके पास किसी की सिफ़ारिश करे जो कुछ उनके सामने मौजूद है और जो कुछ उनके पीछे है जानता है और लोग उसके इल्म में से किसी चीज़ पर भी अहाता नहीं कर सकते मगर वह जिसे जितना चाहे उसकी कुर्सी सब आसमानॊं और ज़मीनों को घेरे हुये है और उन दोनों की निगेहदाश्त उसपर कुछ भी मुश्किल नहीं और वह आलीशान बुजुर्ग़ मरतबा है

  • When He made the slumber fall upon you as a reassurance from him and sent down water from the sky upon you, that thereby He might purify you, and remove from you the fear of Satan, and make strong your hearts and firm feet thereby.
    ये वह वक्त था जब अपनी तरफ से इत्मिनान देने के लिए तुम पर नींद को ग़ालिब कर रहा था और तुम पर आसमान से पानी बरस रहा था ताकि उससे तुम्हें पाक और तुम्हारे क़दम ब क़दम जमाए रहे

  • Little of the night would they slumber,
    रातों को थोड़ा ही सोते थे,

  • To the normal mind all that exceeds its normal experience but still comes into its scope, seems a dream ; but at the point where it borders on things quite beyond its scope, it can no longer see truth even as. 526 The Yoga of Integral Knowledge in a dream, but passes into the blank incomprehension and non - reception of slumber.
    जो चीजें सामान्य मन के सामान्य अनुभव से परे की है पर फिर भी उसके क्षेत्र के अन्दर आती हैं वे सभी उसे स्वप्नवत् प्रतीत होती है ; परन्तु जब वह उस सीमा - रेखा पर पहुंचता है जिसके आगे की चीजें उसके क्षेत्र से सर्वथा परे की होती हैं, तो वह सत्य को स्वप्नावस्था की भांति भी नहीं देख सकता, बल्कि निद्रा की शून्य बोधहीनता और अग्रहणशीलता में पहुंच जाता है ।

  • Then after the setback, He sent down security upon you. slumber overcame some of you, while others cared only for themselves, thinking of God thoughts that were untrue—thoughts of ignorance—saying, “ Is anything up to us ? ” Say, “ Everything is up to God. ” They conceal within themselves what they do not reveal to you. And they say, “ If it was up to us, none of us would have been killed here. ” Say, “ Even if you Had stayed in your homes, those destined to be killed would have marched into their death beds. ” God thus tests what is in your minds, and purifies what is in your hearts. God knows what the hearts contain.
    फिर इस शोक के पश्चात उसने तुमपर एक शान्ति उतारी - एक निद्रा, जो तुममें से कुछ लोगों को घेर रही थी और कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्हें अपने प्राणों की चिन्ता थी । वे अल्लाह के विषय में ऐसा ख़याल कर रहे थे, जो सत्य के सर्वथा प्रतिकूल, अज्ञान का ख़याल था । वे कहते थे," इन मामलों में क्या हमारा भी कुछ अधिकार है ?" कह दो," मामले तो सबके सब अल्लाह के हैं ।" वे जो कुछ अपने दिलों में छिपाए रखते है, तुमपर ज़ाहिर नहीं करते । कहते है," यदि इस मामले में हमारा भी कुछ अधिकार होता तो हम यहाँ मारे न जाते ।" कह दो," यदि तुम अपने घरों में भी होते, तो भी जिन लोगों का क़त्ल होना तय था, वे निकलकर अपने अन्तिम शयन - स्थलों कर पहुँचकर रहते ।" और यह इसलिए भी था कि जो कुछ तुम्हारे सीनों में है, अल्लाह उसे परख ले और जो कुछ तुम्हारे दिलों में है उसे साफ़ कर दे । और अल्लाह दिलों का हाल भली - भाँति जानता है

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