निराशाजनक
भयानक
निराशपुर्ण
खराब
More than the cold, it was this dismal bleakness which chilled him to his bones.
यहां सर्दी से कहीं ज्यादा एक उदासी भरी सर्दी थी - जो कि उनको ह़ड्डियों तक भेद जाती थी ।
As an American who sees his country as a force for good, these developments are painful and scary. The world needs an active, thoughtful, and assertive United States. The historian Walter A. McDougall rightly states that “ The creation of the United States of America is the central event of the past four hundred years” and its civilization “ perturbs the trajectories of all other civilizations just by existing. ” Well not so much perturbation these days ; may the dismal present be brief in duration. Related Topics: US policy receive the latest by email: subscribe to daniel pipes ' free mailing list This text may be reposted or forwarded so long as it is presented as an integral whole with complete and accurate information provided about its author, date, place of publication, and original URL. Comment on this item
एक अमेरिकी जो कि अपने देश को अच्छे के लिये एक ताकत के रूप में देखता है उसके लिये ये घटनाक्रम अत्यंत पीडादायक और डरावने हैं । विश्व को एक सक्रिय, विचारपूर्ण और आग्रही अमेरिका की आवश्यकता है । इतिहासकार वाल्टर ए मैकडोगल ने सही ही कहा है, “ संयुक्त राज्य अमेरिका का निर्माण पिछले चार सौ वर्षों की सबसे प्रमुख घटना है” और इसकी सभ्यता “ अन्य सभी सभ्यताओं की दिशा को मात्र अस्तित्व से ही अस्थिर कर देती है” इन दिनों अधिक उथल पुथल नहीं होगी परन्तु यह निराशाजनक वातावरण संक्षिप्त ही होगा ।
One factor that could help prevent this dismal outcome would be for mainline Protestant churches to speak out against Palestinian Muslims for tormenting and expelling Palestinian Christians. To date, unfortunately, the Episcopalian, Evangelical Lutheran, Methodist, and Presbyterian churches, as well as the United Church of Christ, have ignored the problem. Related Topics: Anti - Christianism, Palestinians receive the latest by email: subscribe to daniel pipes ' free mailing list This text may be reposted or forwarded so long as it is presented as an integral whole with complete and accurate information provided about its author, date, place of publication, and original URL. Comment on this item
एक तरीका यह हो सकता है कि मुख्य धारा के प्रोटेस्टेंट चर्च फिलीस्तीनी मुस्लिमों द्वारा फिलीस्तीनी ईसाईयों को निकालने और प्रताड़ित करने का विरोध करे. दुर्भाग्यवश एपिस्कोपालियन, एवेंन्जेलिकल लूथरन, मैथोडिस्ट, प्रेसबेटेरियन् चर्चों और यूनाईटेड चर्च ऑफ क्राईस्ट द्वारा इस समस्या की उपेक्षा हो रही है. इन चर्चों का ध्यान इस समस्या के बजाए इजरायल के नैतिक पराभव और यहां से अपना निवेश हटाने पर अधिक रहता है. इजरायल के प्रति उनका इतना लगाव है कि वे अपने जन्मस्थान में ही अंतिम सांसे गिन रही ईसाइयत के प्रति ध्यान नहीं दे पा रहे हैं. आश्चर्य है.. आखिर वे कैसे जागेंगे ?.
Worse, the speech drum - rolled the appointment of a U. S. special envoy to the Organization of the Islamic Conference, directing this envoy to “ listen to and learn from” his Muslim counterparts. But the OIC is a Saudi - sponsored organization promoting the Wahhabi agenda under the trappings of a Muslim - only United Nations. As counterterrorism specialist Steven Emerson has noted, Bush ' s dismal initiative stands in “ complete ignorance of the rampant radicalism, pro - terrorist, and anti - American sentiments routinely found in statements by the OIC and its leaders. ”
इसके बजाय उन्होंने मध्य पूर्व से बाहर कट्टरपंथ के विरूद्ध संघर्ष तथा व्यापक रूप में ऐसे कट्टरपंथियों के गुट का उल्लेख किया जो प्रभाव और सत्ता प्राप्त करने के लिए धर्म का प्रयोग कर रहे हैं ।
Dismal Record: Remember the fire in Delhi ' s Uphaar cinema three years ago ?
तीन साल पहले दिल्ली के उपहार सिनेमा घर में लगी आग की याद है आपको ?
' Oh sad and troubled Mohan where do you go / where do you go / the place is more dismal and awful than hell.
दुखित प्रपाडित हाय मोहन, जा रहे हो तुम कंहा / हे नरक से भी दुखमय दुर्दृश्य जाते हो कहां ।
He seemed to them to link up the past with the future and to make the dismal present appear just as a stepping - stone to that future of life and hope.
जनता ने ऐसा अनुभव किया कि वह उसके भविषऋ - ऊण्श्छ्ष् - य को उतना ही सुहावना बना देंगे, ऋतना इतिहास था और वह मऋजूदा अंधेरे में से उसे निकाल ऐसी ऋंदगी की ओर ले जायेंगे, जो भरी पूरी और आशापूर्ण हो.
Avinash Abhyankar, Caucasian male, 5 ' 6, age thirty - four, Indian citizen, teacher by profession, hailing from the hot and humid island metropolis of Bombay in the Republic of India, officially disembarked on the soil of the Federal Republic of Germany at Miinchen one late, dismal November afternoon.
अविनाश अभ्यंकर, एक गोर - चिट्टे, पांच फुट छह इंच लंबे 34 वर्षीय एक भारतीय नागरिक और व्यवसाय से अध्यापक भारतीय गणराज्य के आर्द्र महानगर बंबई से नवंबर की एक ढलती मनहूस दोपहर को संघीय जर्मनी गणराज्य में म्यूनिख की भूमि पर आकर उतरे ।
The idea of progress which is the driving force in the modern age was absent even a century ago, when religious pedantry in every country was painting a dismal future, e. g. a collapse of the world or some catastrophe which would engulf human society.
प्रगति की धारणा जो आधुनिक युग की प्रेरक शक्ति है एक शताब्दी पहले तक विद्यमान नहीं थी, जब प्रत्येक देश में धार्मिक पांडित्य प्रदर्शन द्वारा अंधकारमय भविष्य चित्रित किया जा रहा था, उदाहरणार्थ विश्व का पतन या ऐसी विपत्ति जो मानव समाज को डुबो देगी ।
It was during the time of the dictatorship of Herod that Jesus was born, when the condition of the rule was dismal.
ईसु के जन्म के समय निरकुंश राजा हैरोद का शासन था जिसमे प्रजा की स्थिति शोचनीय थी ।