बदनाम करना
नीचा दिखाना
आलोचना करना
India called on Pakistan to abandon its compulsive hostility, anti - India propaganda and cross border terrorism to undermine India ' s interests and denigrate its reputation.
भारत को बदनाम करने के लिए और उसके हितों को हानि पहुंचने के लिए ही पाकिस्तान ऐसी कार्यवाहियां कर रहा है ।
We are not trying to denigrate the sovereignty of the nation.
हम राष्ट्र की संप्रभुता को अवमानित करने की कोशिश में नहीं हैं.
They have tried to denigrate the national image, they have spoken against Gandhiji, they have spoken against Jawaharlal Nehru, they have spoken against all our policies, all our programmes from the very beginning.
उन्होंने बहुत पहले से ही राष्ट्र की छवि धूमिल करने की कोशिशें की हैं, गांधी जी के विरूद्ध जगहर उगला है, जवाहरलाल नेहरू के विरूद्ध बातें कही हैं, हमारी हरेक नीति का विरोध किया है, हरेक कार्यक्रम की खिलाफत की है ।
Now he would denigrate the Congress to his heart ' s content though he still wore khaddar.
अब यह हाल है कि कांग्रेसियों को जी भरकर गाली देते हैं, पर लिबास खद्दर का पहनते हैं ।
However, the institution of the Prime Minister is important and the deliberate political attempts to denigrate it is not in the interest of democracy or of the nation.
लेकिन प्रधानमंत्रित्व की अपनी एक विशेष गरिमा है और उसे लोगों की नजरों से गिराना न तो लोकतंत्र के हित में, न देश के हित में ।
But democracy is not licence to abuse, to make false allegations, to weaken the confidence of the country or to denigrate its achievements.
लेकिन लोकतंत्र का अर्थ गाली - गलौज की और मिथ्या आरोप की छूट देना अथवा देश के आत्मविश्वास को डिगाना या उपलब्धियों का मखौल उड़ाना नहीं है ।
Already, there is a concerted campaign abroad to denigrate our country.
हमारे देश को बदनाम करने के लिए विदेशों में पहले ही से सुनियोजित अभियान चल रहा है ।
Britishness is the most nominal aspect of identity to many young British Pakistanis. … If you denigrate your own culture you face the risk of your newer arrivals looking for one elsewhere. So far afield in this case, that for many second - generation British Pakistanis, the desert culture of the Arabs held more appeal than either British or subcontinental culture. Three times removed from a durable sense of identity, the energised extra - national worldview of radical Islam became one available identity for second - generation Pakistanis.
अनेक ब्रिटिश पाकिस्तानियों के लिये ब्रिटिशपना नाम मात्र की पहचान रह गई है । यदि आप स्वयं अपनी संस्कृति को गिराते हैं तो नये आगन्तुक किसी अन्य संस्कृति की ओर देख सकते हैं । इस प्रकार इस मामले में द्वितीय पीढ़ी के पाकिस्तानियों को ब्रिटेन या महाद्वीप की संस्कृति से अधिक रेगिस्तान की अरब संस्कृति आकर्षित करती है । लम्बे समय तक तीन बार अपनी पहचान से मुक्त परा राष्ट्रवाद के लिये उत्साह पूर्ण इस्लाम द्वितीय पीढ़ी के पाकिस्तानियों के लिये सर्वाधिक सुलभ पहचान है ।
It is a contempt of the House to denigrate his conduct while he is in the Chair ; he must be shown all respect as is due to a Presiding Officer of the House.
जब तक सभापति पीठासीन हो तब उसके आचरण की निंदा करना सदन की अवमानना है ; उसे पूरा सम्मान दिया जाना अनिवार्य है जो सदन के पीठासीन अधिकारी को दिया जाना होता है ।
Ed Gillespie, former chairman of the Republican National Committee. Conservatives should emulate this achievement. With Ed Gillespie, a former chairman of the Republican National Committee, I look forward to the day when it will be as cool “ to believe in the principles of free enterprise, the need for strong national security, the merits of traditional families, and the value of religious faith as it is to sneer at capitalism, demean the military, denigrate parents, and deride religion. ” Happily, American conservatives have a counter - establishment already in place: the Wall Street Journal and Fox News Channel may be best known, but the Bradley Foundation, Pepperdine University, the Liberty Film Festival, and Commentary matter no less. Yes, conservative institutions rarely enjoy the history, resources, and prestige of their liberal counterparts - but they do exist, they are growing, and they possess a convincing and optimistic message.
क्या कुछ गलत रहा इसके अनेक विश्लेषण किये गये: रोमनी अधिक परम्परावादी थे या कि जितना होना चाहिये था उतने नहीं थे, वे अपने बारे में अधिक बोलते रहे और मुद्दों पर चर्चा करने से बचते रहे । वे जनमानस के साथ जुड नहीं सके । इसके साथ ही अनेक निष्कर्ष निकाले गये हैं: परम्परावादियों को अधिक आधुनिक होना होगा उन्हें अश्वेतों के पास जाना होगा उन्हें सही मायने में परम्परावदियों का मनोनयन करना चाहिये ।