जल बचाओ जीवन बचाओ

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Sushant Kumar
Apr 15, 2019   •  4 views

कहते हैं जल का कोई मोल नहीं होता लेकिन वास्तव में जल अनमोल होता है क्योंकि यह हमको को जीवन देता है अगर पृथ्वी पर रहने वाले जीवो को कुछ समय तक जल ना मिले तो वह वास्तव में उनकी मृत्यु हो सकती है क्योंकि जल हमारे शरीर को शीतलता प्रदान करता है इस दुनिया में हर एक जीव जंतुओं के लिए जल अति आवश्यक है आज हमारे देश में लोगों को मुफ्त में जल मिल जाता है जिस वजह से वह जल का कोई विशेष रूप से संरक्षण नहीं करते हैं हम सभी को जल संरक्षण करना चाहिए जिससे हम आने वाले भविष्य को कुछ हद तक जल की कमी होने से बचा सके। बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो जल संरक्षण नहीं करते वेजल फालतू में ही वहतेहैं वह अपने दैनिक जीवन की जरूरतों के लिए कुछ ज्यादा ही व्यर्थ का जल बहा देते हैं जिससे जल का कोई भी सदुपयोग नहीं हो पाता. हम सभी को चाहिए कि हम जल संरक्षण करें क्योंकि वास्तव में यदि हम जल संरक्षण नहीं करते तो जरूर ही हम आने वाले भविष्य को खतरे में डाल रहे हैं जब जल्द सुरक्षित रहेगा तभी हम सुरक्षितरह सकेंगे क्योंकि जल ही जीवन है जल के बिना इस दुनिया में कुछ भी नहीं है हम अपने दैनिक जीवन में जो फल फूल और अनाज का प्रयोग करते हैं ।वह हमें पेड़ पौधों से ही प्राप्त होता है और पेड़ पौधे को भी जल की जरूरत होती है अगर उनको भी जल ना मिले तो वह सूख जाएंगे और हम को आना जो फूल नहीं मिल पाएंगे जिस वजह से हम अनाज का उपयोग नही करके भोजन नहीं कर पाएंगे। बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।

उदहारण के लिए दक्षिण अफ्रीका की राजधानी केपटाउन दुनिया का पहला ऐसा शहर बन गया है, जहां पानी को लेकर आपातस्थिति बन गई है। पानी की कमी से यहां हाहाकार मचा है। 14 अप्रैल तक यह दुनिया का पहला जलविहीन शहर बन जाएगा। यानी यहां पानी बिलकुल खत्म हो जाएगा। तीन साल से लगातार शहर सूखे की मार झेल रहा है। केपटाउन जैसे हालात सिर्फ अफ्रीका में नहीं बल्कि दुनिया के किसी भी कोने में खड़े हो सकते हैं। जरूरत है अभी से पानी के संरक्षण के प्रति जागरूक होने की।रोजमर्रा की गतिविधियों को देखा जाए तो पानी ऐसे खर्च किये जाते हैकेपटाउन में

नहाने, कपड़े और बर्तन धोने के लिए : 29 लीटर 8 लीटर घर की सफाई के लिए 4 लीटर पानी पीने के लिए 4 लीटर हाथ धोने के लिए 2 लीटर कुकिंग के लिए 2 लीटर पालतू जानवरों के लिए। इसलिए हमें जल का व्यर्थ उपयोग नही करनी चाहिए और जल का बचाव करना चाहिए।

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