क्यों हम हर चीज में खामियां ढूंढते हैं ना की खूबियां ?
क्यों हम रहना तो खुश चाहते हैं पर रहते हैं हमेशा दुखी ?
क्यों हम जीना तो चाहते हैं पर डरते रहते हैं मौत से ?
क्यों हम चाहते हैं जीतना पर डरते हैंहार से ?
क्यों है हमारी सोच इतनी नेगेटिव जब चाहते हैं हम सारे रिजल्ट पॉजिटिव?
क्यों हम खौफ के कारण करते हैं पूजा और ना कि मोहब्बत के कारण ?
क्यों हम किसी से काम करवाते हैं तो उसे डरा कर और ना कि उसका प्रोत्साहन बड़ा कर ?

एक ही तो जिंदगी दी है भगवान ने तो फिर क्यों जी रहे हैं इसे खौफ में ?
क्यों ना आज से जिंदा है तो जिएखुल के बिना किसी डर के क्योंकि मरने के बाद तो रह जाएंगे कंकाल बनके !!