फिज़ाओ ने भी कुछ इस क़दर बदला लिया मुझसे

दीपक जैसे जलाया मैंने हवाओं ने रुख बदल लिया ।

इस उम्मीद में था कि अबकी बरसात हो जाएगी

खुश क्या हुआ था घटाओं ने रुख बदल लिया।

शुभम पाठक

झूठ कहते हैं वो लोग कि बीमारी से बचा जा सकता है
इश्क़ के चंगुल में आकर तो देखो ये भी किसी दलदल से कम नहीं।
  शुभम पाठक

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