जो आसानी से मिल जाये...

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Shubham Pathak
Aug 26, 2020   •  2 views

जो आसानी से मिल जाये, वो मंज़िल क्या

जब ठान लिया पाने को, तो फिर मुश्किल क्या।

सपनों को पूरा करना है तो लड़ना होगा

यूँ हाथ पे रखकर हाथ होगा हासिल क्या।

है पल भर की रौनक से हमको क्या लेना

हों जहाँ बेग़ैरत लोग, तो फिर वो महफ़िल क्या।

तूफां तो आते ही रहते है, दरिया में हर दिन

जो लहरों से डर जाये फ़िर वो साहिल क्या।

शुभम पाठक

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