लाख ग़मो का पहरा

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Shubham Pathak
Feb 07, 2020   •  2 views

मन में लाख ग़मों का पहरा है

पर सामने माँ का चेहरा है

तू दुःखी न हो मेरे बेटे

वो जैसे ये मुझे कह रहा है।

ये दर्द भरे दिन कट जाएंगे

दुःखो के बादल छट जाएंगे

जल्दी मिलेगी मंझिल तुझको

जो नजर गड़ाये रह रहा है।

बस रोना मत तू अब कभी

वरना हसेंगे तुझ पर सभी

जल्दी मिलेंगी ख़ुशियाँ तुझे

जो मन लगा के तू ठहरा है।

तू बन हिमालय सा कठोर

न चले किसी का तुझपर जोर

रोकेगा कौन उस धारा को

जो तीव्र प्रवाह से बह रहा है।

शुभम पाठक

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