ग़र देख मुसीबत ग़ैरों की परेशान नही होता
तो जैसा तू है वैसा तो इंसान नहीं होता
ए.सी कमरों से बाहर आकर दुनिया भी तू देख
गरीबी में पल कर पढ़ना, आसान नही होता।
शुभम पाठक