प्यार हो जाये..

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Shubham Pathak
Dec 05, 2019   •  0 views

चाहता तो था कि मुलाक़ात एक बार हो जाये

तू चाहे जिसे, उसे किसी और पर ऐतबार हो जाये

दिल तोड़ने की सज़ा क्या होती है,तुझे तब पता चले

जब तेरा प्यार किसी और का प्यार हो जाये।

न चाह के भी सपने में तेरा दीदार हो जाये

वो बात और है कि सब बात बेकार हो जाये

मेरे बातो की अहमियत तो तुझे अभी पता ही नही

लिख दूँ मैं जो खत भी तो अख़बार हो जाये।

कि तुझे देखकर तो पत्थर दिल भी निसार हो जाये

तेरे इश्क़ की नज़र लगे और वो भी बीमार हो जाये

पलट कर देख ले जो तू इन कातिल निग़ाहों से

ख़ुदा कसम अंधा भी इसका शिकार हो जाये।

शुभम पाठक

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