पहले उसकी नज़र देखो...

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Shubham Pathak
Mar 23, 2020   •  1 view

मिले कोई तो तुम पहले उसकी नज़र देखो,
भले देखो इक बार सही, मगर देखो।
कांटो भरा सफर है आखिर चलना क्यों
बेहतर है फूलों भरी राह की डगर देखो।
आसानी से न मान लिया करो अच्छा-बुरा तुम
गर अफवाहों से दूर रहना है तो खबर देखो।
गुमाँ था जिनको सालों से अपनी शोहरत पर
भिखारी को दिखाकर, मैं बोला उधर देखो।
और जब उसने झुका ली शर्म से नजरें अपनी
उठाया सर उसका, बोला कि तुम इधर देखो।
हर तरफ मिल जाएंगे फ़रेबी इस जहाँ में
कभी घर से चलो और फ़िर चाहे जिधर देखो।
वो जो करते ग़िला कि कुछ नहीं मिला उन्हें
मिलेगा सब तुम्हे कभी झुकाके सर देखो।
बदल कर क्या करोगे रोज़ यूँ आशिक भले तुम
अगर चाहो उसे एक बार उम्र भर देखो।
छोड़कर जा रही थी मुझको मेरे हाल पर
पलट के लौटी फिर, मेरे प्यार का असर देखो।
ये जो कमज़ोर समझकर हार जाते हैं जमाने से
कभी हो तो इक्कठा फिर लोगों में डर देखो।
दुपट्टा न सम्भाले वो तेरी नजरें देखकर,
कभी देखो जो तुम उसे तो इस कदर देखो।
शुभम पाठक

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