प्यार जताना चाह रहे अब तुम
क्या फायदा
मरहम लगाना चाह रहे अब तुम
क्या फायदा
मार कर इंसान की मोहब्बत को इस कदर
आंसू बहाना चाह रहे अब तुम
क्या फ़ायदा
बेगाना सा करके खुद से,
अपना बनाना चाह रहे अब तुम
क्या फ़ायदा
शरीफ़ चेहरा बनाकर अपना,
दुनिया को दिखाना चाह रहे अब तुम
क्या फ़ायदा
शुभम पाठक