जवाब में तुमने ना तो ऐसे बोला
जैसे कि कुछ सुना नहीं।
मुझे लगा था तुम समझ जाओगे
इसलिए मैंने कुछ कहा नहीं
कहना तो बहुत कुछ है
और कहने का मन भी है
पर देख कर खुश तुम्हे किसी और के साथ
कहने को अब कुछ रहा नहीं
तेरी मासूमियत जो लाखो में थी,
अब गायब सी हो गयी,
घाव देखकर मेरा,
जब आँसू तेरा बहा नही
शुभम पाठक