असली रंग दिखा रहे हो..

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Shubham Pathak
Dec 21, 2019   •  5 views

लड़ लो झगड़ लो मगर छोड़ के क्यों जा रहे हो
क्या यही किया था वादा जो तुम निभा रहे हो
ग़ैर को याद करते हो तुम मुझे उससे शिकवा नहीं
पर किसी और के लिए तुम मुझे क्यों भुला रहे हो।

किसी और का नाम अपने जुबाँ पर क्यो ला रहे हो
मुझे उसके बारे में आखिर क्यो बता रहे हो
एक जलन सी होती है मन मे मेरे, ये सच है
इस क़दर अब आखिर मुझे क्यों सता रहे हो ।

धीरे-2 अब तुम किसी और के होते जा रहे हो
जो सच है उसे मुझसे क्यो छिपा रहे हो
पहले तो बड़े मासूम बनते थे तुम सबके सामने
अब अपना असली रंग भला क्यों दिखा रहे हो।
शुभम पाठक

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