माता पिता का साथ!

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Juhi Tomar
Mar 15, 2019   •  100 views

माता-पिता का साथ’ का अर्थ है -माता -पिता का प्यार अपने बच्चे के लिए वो होता है जब एक माँ अपने बच्चे के लिए ढाल बनकर औऱ पिता उसका रक्षक बनकर उसके हर दर्द हर खुशी में साथ रहतेहै। बच्चा गलती करे तोह उसकी गलतियों को बताना औऱ सुधारना सिखाते है।

माँ जब अपनी कोख से एक बच्चे को जन्म देती है तभी से वो उस बच्चे की ढाल बन जाती है और पिता उसको गोद में लेकर उसका एक रक्षक।

माता पिता एक भगवान का रूप होते है जो हमे हर छोटे से छोटे खतरे से बचाते है आगे बढ़ने के लिए हमे उत्साहित करतें है और हमारे हर बूरे समय मे हमारे साथ रहते है।माता पिता को अपने बच्चे की खुशी में ही उनको खुद की खुशी नज़र आती है।

आज के युग में 100 में से 70%,ऐसे माँ बाप ने अपने बच्चो के लिए रात दिन एक करके, पैसे कमा के, खुद गन्दे कपड़े पहनकर अपने बच्चे को अच्छे कपड़े दिलाकर ,उनको उनकी सपनो की मंज़िल तक पहुँचाते है, परंतु आज वही बच्चे क्यों उनको घर से बाहर निकाल देते है, आज वही बच्चे उनकी जायदाद को लेने की लिए किसी भी हद तक गिर जाते है। आज तक जो भी माता पिता अपने बच्चे के लिए कमाया वो हमेशा बच्चो को ही दिया है । अपनी खुशियों को अपने बच्चो पर ही कुर्बान कर देते है ,तो क्या उन बच्चो का हक़ नही की वो अपने माता पिता की वो खुशियां उनके चेहरे पर ले आये ,उनकी सालो की मेहनत पर वो खुशियो का आशियाना देने का वक़्त आ गया है।

माँ और पिता का साथ ही न होगा तो ज़िन्दगी का मानो वो पन्ना तुम्हारी ज़िन्दगी में न होगा जो तेरी खुशियों और आशीर्वाद से भरा होगा। ज़िन्दगी में माँ की ममता ही एक ऐसा अहसास है जो अपने बच्चे के हर दर्द को बिना बताए ही पहचान लेती है। माँ तब तक खुद नही खाना खाती है जब तक वो अपने बच्चे का पेट न भर दे, खुद रात भर भूखी रह सकती है पर किसीको भूखा रख नही सकती है।

पिता भी देर रात आता है थका हारा हुआ शरीर लेकर जो सिर्फ अपने घर को चलाने औऱ बच्चो की ख्वाइश को पूरा करने के लिए कमाता है। खुद के पैर में छाले हो पर वो दिन अपने बच्चों को दिखाना ही नही चाहता है वो नही चाहता कि मेरे बच्चे मेरे जैसे जिये। पिता का दिल हमेशा यही चाहता है कि बेटा /बेटीएक उच्ची उड़ान भरे औऱ हिंदुस्तान की मशाल बने।

हम सबको अपने माता पिता को इज़्ज़त देना चाहिए,सम्मान और उनके साथ पूरी ज़िंदगी के हर लम्हो को उनके साथ ही गुज़रना चाहिए, कभी भी ऐसा नही करना चाहिए कि उन्हें वृद्ध आश्रम छोड़कर आ जाये ये गलत है ।आप अपने माँ बाप को ही नही आपने अपने भगवान को भी बेच दिया ।

माँ बाप भगवान का रूप है जिनकी हमे सालो भर उनकी सेवा और उनका दूसरा कंधा बनना चाहिए उनकी सेवा में ही स्वर्ग है ,उनकी खुशियों मैं हमारा वो घर जो मिलकर एक आशियाना बना देता है, माता पिता को खुश रख कर देखो जितना दिल कोसुकून उनके कदमो में है वो सुकून और कहि नही।

वृद्ध आश्रम में माता पिता को छोर कर आ जाना यह बहुत बड़ा अपराध है। माँ बाप ने कभी तुम्हारे दुख में तुम्हारा साथ छोरा ,नही तो फिर हम कैसे उनका साथ छोड़ सकते है।हमारी खुशियों का ख्याल रखने वाला माता पिता है, जरा सी चोट क्या लगी पिता ने आंसू सारा खुद ही बहा लिया ,जिस उंगलियों को पकड़ कर पहला कदम बढ़ाया था आज तुमने उन्हींको दिल और घर से ही निकाल दिया, जो घर तेरे आने पर माता पिता ने सजाया था वो घर को ही तुमने खंडर बना डाला।

जो आज बच्चे है वो कल खुद माता पिता बनेंगे ,जो परवाह उनके माता पिता को थी वही परवाह एक दिन उनको अपने बच्चो के लिए होगी, जो तुमने अपने माँ बाप के साथ किया वही तुम्हारे बच्चे तुम्हारे साथ करेंगे। समाज में एक ही अपना वो हमारे माता पिता है ।

खुशियों से भरने की झोली उनकी
बच्चो है अब तुम्हारी बारी
इस दुनियां में न कोई अपना
केवल माँ बाप के बिना।

दुनियाँ में तो बहुत लोग मिलेंगे प्यार करने वाले पर माँ बाप जैसा प्यार करने वाला कोई नही। तूम्हारी ख़्वाशियों का ज्ञात तो सबको है पर वो ख्वाइश को पूरा करने वाले माता पिता ही है।माँ बाप के तुम परी और चाँद का तारा हो जो उनकी आंखों में बसा जग का प्यार हो दो इतना सम्मान माता पिता को वो आखिरी सांस तक तुम्हारा नाम ले।

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Profile of Ritik Shivhare
Ritik Shivhare  •  5y  •  Reply
👌👌👏👏
Profile of Rohit Mishra
Rohit Mishra  •  5y  •  Reply
मै अपने बेटे शब्द को सार्थक बना सका या नही पता नही पर कोई बिना स्वार्थ के अपने पिता शब्द को सार्थक बनाए जा रहा हैं.