गलत ढंग से
बेवफ़ाई से
भक्तिहीनता के साथ
Undependably
Dependably
And if they intend to act unfaithfully towards you, so indeed they acted unfaithfully towards Allah before, but He gave mastery over them ; and Allah is Knowing, Wise.
और अगर ये लोग तुमसे फरेब करना चाहते है तो ख़ुदा से पहले ही फरेब कर चुके हैं तो ख़ुदा ने उन पर तुम्हें क़ाबू दे दिया और ख़ुदा तो बड़ा वाक़िफकार हिकमत वाला है
And do not plead on behalf of those who act unfaithfully to their souls ; surely Allah does not love him who is treacherous, sinful ;
और तुम की तरफ़ होकर न लड़ो जो अपने ही से दग़ाबाज़ी करते हैं बेशक ख़ुदा ऐसे शख्स को दोस्त नहीं रखता जो दग़ाबाज़ गुनाहगार हो
And if they intend to act unfaithfully towards you, so indeed they acted unfaithfully towards Allah before, but He gave mastery over them ; and Allah is Knowing, Wise.
और अगर ये लोग तुमसे फरेब करना चाहते है तो ख़ुदा से पहले ही फरेब कर चुके हैं तो ख़ुदा ने उन पर तुम्हें क़ाबू दे दिया और ख़ुदा तो बड़ा वाक़िफकार हिकमत वाला है
And do not plead on behalf of those who act unfaithfully to their souls ; surely Allah does not love him who is treacherous, sinful ;
और तुम उन लोगों की ओर से न झगड़ो जो स्वयं अपनों के साथ विश्वासघात करते है । अल्लाह को ऐसा व्यक्ति प्रिय नहीं है जो विश्वासघाती, हक़ मारनेवाला हो
It is not to any prophet that he would act unfaithfully. And whoever betrays,, will come with what he took on the Day of Resurrection. Then will every soul be compensated for what it earned, and they will not be wronged.
और किसी नबी की ये शान नहीं कि ख्यानत करे और ख्यानत करेगा तो जो चीज़ ख्यानत की है क़यामत के दिन वही चीज़ ख़ुदा के सामने लाना होगा फिर हर शख्स अपने किए का पूरा पूरा बदला पाएगा और उनकी किसी तरह हक़तल्फ़ी नहीं की जाएगी
And it is not attributable to a prophet that he should act unfaithfully ; and he who acts unfaithfully shall bring that in respect of which he has acted unfaithfully on the day of resurrection ; then shall every soul be paid back fully what it has earned, and they shall not be dealt with unjustly.
यह किसी नबी के लिए सम्भब नहीं कि वह दिल में कीना - कपट रखे, और जो कोई कीना - कपट रखेगा तो वह क़ियामत के दिन अपने द्वेष समेत हाज़िर होगा । और प्रत्येक व्यक्ति को उसकी कमाई का पूरा - पूरा बदला दे दिया जाएँगा और उनपर कुछ भी ज़ुल्म न होगा
And it is not attributable to a prophet that he should act unfaithfully ; and he who acts unfaithfully shall bring that in respect of which he has acted unfaithfully on the day of resurrection ; then shall every soul be paid back fully what it has earned, and they shall not be dealt with unjustly.
और किसी नबी की ये शान नहीं कि ख्यानत करे और ख्यानत करेगा तो जो चीज़ ख्यानत की है क़यामत के दिन वही चीज़ ख़ुदा के सामने लाना होगा फिर हर शख्स अपने किए का पूरा पूरा बदला पाएगा और उनकी किसी तरह हक़तल्फ़ी नहीं की जाएगी
And it is not attributable to a prophet that he should act unfaithfully ; and he who acts unfaithfully shall bring that in respect of which he has acted unfaithfully on the day of resurrection ; then shall every soul be paid back fully what it has earned, and they shall not be dealt with unjustly.
और किसी नबी की ये शान नहीं कि ख्यानत करे और ख्यानत करेगा तो जो चीज़ ख्यानत की है क़यामत के दिन वही चीज़ ख़ुदा के सामने लाना होगा फिर हर शख्स अपने किए का पूरा पूरा बदला पाएगा और उनकी किसी तरह हक़तल्फ़ी नहीं की जाएगी
And if they intend to act unfaithfully towards you, so indeed they acted unfaithfully towards Allah before, but He gave mastery over them ; and Allah is Knowing, Wise.
किन्तुम यदि वे तुम्हारे साथ विश्वासघात करना चाहेंगे, तो इससे पहले वे अल्लाह के साथ विश्वासघात कर चुके है । तो उसने तुम्हें उनपर अधिकार दे दिया । अल्लाह सब कुछ जाननेवाला, बड़ा तत्वदर्शी है
It is made lawful to you to go into your wives on the night of the fast ; they are an apparel for you and you are an apparel for them ; Allah knew that you acted unfaithfully to yourselves, so He has turned to you and removed from you ; so now be in contact with them and seek what Allah has ordained for you, and eat and drink until the whiteness of the day becomes distinct from the blackness of the night at dawn, then complete the fast till night, and have not contact with them while you keep to the mosques ; these are the limits of Allah, so do not go near them. Thus does Allah make clear His communications for men that they may guard.
तुम्हारे लिए रोज़ो की रातों में अपनी औरतों के पास जाना जायज़ हुआ । वे तुम्हारे परिधान हैं और तुम उनका परिधान हो । अल्लाह को मालूम हो गया कि तुम लोग अपने - आपसे कपट कर रहे थे, तो उसने तुमपर कृपा की और तुम्हें क्षमा कर दिया । तो अब तुम उनसे मिलो - जुलो और अल्लाह ने जो कुछ तुम्हारे लिए लिख रखा है, उसे तलब करो । और खाओ और पियो यहाँ तक कि तुम्हें उषाकाल की सफ़ेद धारी काली धारी से स्पष्टा दिखाई दे जाए । फिर रात तक रोज़ा पूरा करो और जब तुम मस्जिदों में ' एतकाफ़ ' की हालत में हो, तो तुम उनसे न मिलो । ये अल्लाह की सीमाएँ हैं । अतः इनके निकट न जाना । इस प्रकार अल्लाह अपनी आयतें लोगों के लिए खोल - खोलकर बयान करता है, ताकि वे डर रखनेवाले बनें