Meaning of Faithfully in Hindi - हिंदी में मतलब

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Ayush Rastogi
Mar 08, 2020   •  3 views
  • विश्वसनीय

  • ईमानदारी से

  • विश्वसनीय ढंग से

  • ध्यान से

Synonyms of "Faithfully"

Antonyms of "Faithfully"

"Faithfully" शब्द का वाक्य में प्रयोग

  • In his poem Ulloor faithfully adheres to these sources.
    अपने काव्य से उल्लूर ने इन स्रोतों का अनुगमन बड़ी वफादारी से किया है ।

  • And of Ibrahim who faithfully fulfilled ?
    और इबराहीम की, जिसने अल्लाह की बन्दगी का पूरा - पूरा हक़ अदा कर दिया ?

  • I had been in Opposition for years and faithfully performed my duties.
    मैं 40 साल तक विपक्ष में रहा और अपने कर्त्तव्य का पालन करता रहा ।

  • More so because these faithfully reproduce in stone not only the various forms in general, but also the individual parts, even to the minutest detail, of timbering, fastening, metal work and decorative design appropriate to the various forms of the brick - and - timber originals.
    ऐसा इसलिए भी कि ये न केवल विभिन्न रूप विधानों, बल्कि ईंट और लकड़ी के बने मूल मंदिरों के विभिन्न रूप विधानों के उपयुक्त विशिष्ट भागों के काष्ट कार्य, बंधन, धातु कार्य और सजावटी आकल्पन के सूक्ष्मतम विवरणों को पूर्ण विश्वसनीयता के साथ पुनर्प्रस्तुत करते हैं ।

  • And last, but not the least, we have Shri Chaitanya in Bengal, who subscribed in many ways to the same trends though what he propounded was very faithfully put into the books as. a special school of Vaishnavism.
    वह भी ध्यान देने योग्य है कि बंगाल के श्री चैतन्य अनेक प्रकार से उन्हीं प्रवृत्तियों के अनुयायी थे, यद्यपि उनकी वाणी को वैष्णवमत के एक विशिष्ट सम्प्रदाय का नाम चैतन्य सम्प्रदाय दे दिया गया ।

  • More so because these faithfully reproduce in stone not only the various forms in general, but also the individual parts, even to the minutest detail, of timbering, fastening, metal work and decorative design appropriate to the various forms of the brick - and - timber originals.
    ऐसा इसलिए भी कि ये न केवल विभिन्न रूप विधानों, बल्कि ईंट और लकड़ी के बने मूल मंदिरों के विभिन्न रूप विधानों के उपयुक़्त विशिष्ट भागों के काष्ट कार्य, बंधन, धातु कार्य और सजावटी आकल्पन के सूक्ष्मतम विवरणों को पूर्ण विश्वसनीयता के साथ पुनर्प्रस्तुत करते हैं.

  • So faithfully that there is a growing impression both within and outside the party that the BJP and Vajpayee are synonymous.
    इतने भैकंतभाव से कि पार्टी के भीतर - बाहर धारणा बनने लगी है कि भाजपा और वाजपेयी समानार्थी हैं.

  • Those who are faithfully true to their Amanat and to their covenants ;
    और जो अपनी अमानतों और अपने एहद का लिहाज़ रखते हैं

  • O ye who believe! When ye deal with each other, in transactions involving future obligations in a fixed period of time, reduce them to writing Let a scribe write down faithfully as between the parties: let not the scribe refuse to write: as Allah Has taught him, so let him write. Let him who incurs the liability dictate, but let him fear His Lord Allah, and not diminish aught of what he owes. If they party liable is mentally deficient, or weak, or unable Himself to dictate, Let his guardian dictate faithfully, and get two witnesses, out of your own men, and if there are not two men, then a man and two women, such as ye choose, for witnesses, so that if one of them errs, the other can remind her. The witnesses should not refuse when they are called on. Disdain not to reduce to writing for a future period, whether it be small or big: it is juster in the sight of Allah, More suitable as evidence, and more convenient to prevent doubts among yourselves but if it be a transaction which ye carry out on the spot among yourselves, there is no blame on you if ye reduce it not to writing. But take witness whenever ye make a commercial contract ; and let neither scribe nor witness suffer harm. If ye do, it would be wickedness in you. So fear Allah ; For it is Good that teaches you. And Allah is well acquainted with all things. If ye are on a journey, and cannot find a scribe, a pledge with possession. And if one of you deposits a thing on trust with another, let the trustee discharge his trust, and let him Fear his Lord conceal not evidence ; for whoever conceals it, - his heart is tainted with sin. And Allah knoweth all that ye do.
    ऐ ईमान लानेवालो! जब किसी निश्चित अवधि के लिए आपस में ऋण का लेन - देन करो तो उसे लिख लिया करो और चाहिए कि कोई लिखनेवाला तुम्हारे बीच न्यायपूर्वक लिख दे । और लिखनेवाला लिखने से इनकार न करे ; जिस प्रकार अल्लाह ने उसे सिखाया है, उसी प्रकार वह दूसरों के लिए लिखने के काम आए और बोलकर वह लिखाए जिसके ज़िम्मे हक़ की अदायगी हो । और उसे अल्लाह का, जो उसका रब है, डर रखना चाहिए और उसमें कोई कमी न करनी चाहिए । फिर यदि वह व्यक्ति जिसके ज़िम्मे हक़ की अदायगी हो, कम समझ या कमज़ोर हो या वह बोलकर न लिखा सकता हो तो उसके संरक्षक को चाहिए कि न्यायपूर्वक बोलकर लिखा दे । और अपने पुरुषों में से दो गवाहो को गवाह बना लो और यदि दो पुरुष न हों तो एक पुरुष और दो स्त्रियाँ, जिन्हें तुम गवाह के लिए पसन्द करो, गवाह हो जाएँ ताकि यदि एक भूल जाए तो दूसरी उसे याद दिला दे । और गवाहों को जब बुलाया जाए तो आने से इनकार न करें । मामला चाहे छोटा हो या बड़ा एक निर्धारित अवधि तक के लिए है, तो उसे लिखने में सुस्ती से काम न लो । यह अल्लाह की स्पष्ट से अधिक न्यायसंगत बात है और इससे गवाही भी अधिक ठीक रहती है । और इससे अधिक संभावना है कि तुम किसी संदेह में नहीं पड़ोगे । हाँ, यदि कोई सौदा नक़द हो, जिसका लेन - देन तुम आपस में कर रहे हो, तो तुम्हारे उसके न लिखने में तुम्हारे लिए कोई दोष नहीं । और जब आपम में क्रय - विक्रय का मामला करो तो उस समय भी गवाह कर लिया करो, और न किसी लिखनेवाले को हानि पहुँचाए जाए और न किसी गवाह को । और यदि ऐसा करोगे तो यह तुम्हारे लिए अवज्ञा की बात होगी । और अल्लाह का डर रखो । अल्लाह तुम्हें शिक्षा दे रहा है । और अल्लाह हर चीज़ को जानता है

  • O ye who believe! When ye deal with each other, in transactions involving future obligations in a fixed period of time, reduce them to writing Let a scribe write down faithfully as between the parties: let not the scribe refuse to write: as Allah Has taught him, so let him write. Let him who incurs the liability dictate, but let him fear His Lord Allah, and not diminish aught of what he owes. If they party liable is mentally deficient, or weak, or unable Himself to dictate, Let his guardian dictate faithfully, and get two witnesses, out of your own men, and if there are not two men, then a man and two women, such as ye choose, for witnesses, so that if one of them errs, the other can remind her. The witnesses should not refuse when they are called on. Disdain not to reduce to writing for a future period, whether it be small or big: it is juster in the sight of Allah, More suitable as evidence, and more convenient to prevent doubts among yourselves but if it be a transaction which ye carry out on the spot among yourselves, there is no blame on you if ye reduce it not to writing. But take witness whenever ye make a commercial contract ; and let neither scribe nor witness suffer harm. If ye do, it would be wickedness in you. So fear Allah ; For it is Good that teaches you. And Allah is well acquainted with all things. If ye are on a journey, and cannot find a scribe, a pledge with possession. And if one of you deposits a thing on trust with another, let the trustee discharge his trust, and let him Fear his Lord conceal not evidence ; for whoever conceals it, - his heart is tainted with sin. And Allah knoweth all that ye do.
    ऐ ईमानदारों जब एक मियादे मुक़र्ररा तक के लिए आपस में क़र्ज क़ा लेन देन करो तो उसे लिखा पढ़ी कर लिया करो और लिखने वाले को चाहिये कि तुम्हारे दरमियान तुम्हारे क़ौल व क़रार को, इन्साफ़ से ठीक ठीक लिखे और लिखने वाले को लिखने से इन्कार न करना चाहिये जिस तरह ख़ुदा ने उसे सिखाया है उसी तरह उसको भी वे उज़्र लिख देना चाहिये और जिसके ज़िम्मे क़र्ज़ आयद होता है उसी को चाहिए कि की इबारत बताता जाये और ख़ुदा से डरे जो उसका सच्चा पालने वाला है डरता रहे और और क़र्ज़ देने वाले के हुक़ूक़ में कुछ कमी न करे अगर क़र्ज़ लेने वाला कम अक्ल या माज़ूर या ख़ुद का मतलब लिखवा न सकता हो तो उसका सरपरस्त ठीक ठीक इन्साफ़ से लिखवा दे और अपने लोगों में से जिन लोगों को तुम गवाही लेने के लिये पसन्द करो दो मर्दों की गवाही कर लिया करो फिर अगर दो मर्द न हो तो एक मर्द और दो औरतें उन दोनों में से अगर एक भूल जाएगी तो एक दूसरी को याद दिला देगी, और जब गवाह हुक्काम के सामने बुलाया जाएं तो हाज़िर होने से इन्कार न करे और क़र्ज़ का मामला ख्वाह छोटा हो या उसकी मियाद मुअय्युन तक की लिखवाने में काहिली न करो, ख़ुदा के नज़दीक ये लिखा पढ़ी बहुत ही मुन्सिफ़ाना कारवाई है और गवाही के लिए भी बहुत मज़बूती है और बहुत क़रीन है कि तुम आईन्दा किसी तरह के शक व शुबहा में न पड़ो मगर जब नक़द सौदा हो जो तुम लोग आपस में उलट फेर किया करते हो तो उसकी के न लिखने में तुम पर कुछ इल्ज़ाम नहीं है और जब उसी तरह की ख़रीद हो तो गवाह कर लिया करो और क़ातिब और गवाह को ज़रर न पहुँचाया जाए और अगर तुम ऐसा कर बैठे तो ये ज़रूर तुम्हारी शरारत है और ख़ुदा से डरो ख़ुदा तुमको मामले की सफ़ाई सिखाता है और वह हर चीज़ को ख़ूब जानता है

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