निडर
भयहीन
अविशंकित
Afraid
Indeed the punishment of their Lord is not a thing to be unafraid of!
बेशक उनको परवरदिगार के अज़ाब से बेख़ौफ न होना चाहिए
Are you unafraid that He may bury an edge of the same land along with you, or send a shower of stones upon you, and you find no supporter for yourselves ?
क्या तुम इससे निश्चिन्त हो कि वह कभी थल की ओर ले जाकर तुम्हें धँसा दे या तुमपर पथराव करनेवाली आँधी भेज दे ; फिर अपना कोई कार्यसाधक न पाओ ?
Are you unafraid that He may bury an edge of the same land along with you, or send a shower of stones upon you, and you find no supporter for yourselves ?
तो क्या तुम उसको इस का भी इत्मिनान हो गया कि वह तुम्हें खुश्की की तरफ ज़मीन में धंसा दे या तुम पर लूत की तरह पत्थरों का मेंह बरसा दे फिर तुम किसी को अपना कारसाज़ न पाओगे
Are you so unafraid that He who is in Heaven will not open up the earth to swallow you, when it will begin to tremble ?
और फिर उसी की तरफ क़ब्र से उठ कर जाना है क्या तुम उस शख़्श से जो आसमान में इस बात से बेख़ौफ़ हो कि तुमको ज़मीन में धॅसा दे फिर वह एकबारगी उलट पुलट करने लगे
Have you become unafraid of the One Who controls the heavens, that He will not cause you to sink into the earth when it trembles ?
क्या तुम उससे निश्चिन्त हो जो आकाश में है कि तुम्हें धरती में धँसा दे, फिर क्या देखोगे कि वह डाँवाडोल हो रही है ?
Unafraid of the dangers, she went from village to village like a steady lady - warrior and roused the feelings of patriotism and reminded countrymen of their duty.
संकटों से न घबराते हुए वे एक धीर वीरांगना की भाँति गाँव - गाँव घूमकर ये देश - प्रेम का अलख जगाती रहीं और देशवासियों को उनके कर्तव्य की याद दिलाती रहीं ।
Indeed the punishment of their Lord is not a thing to be unafraid of!
उनके रब की यातना है ही ऐसी जिससे निश्चिन्त न रहा जाए -
Or have you become so unafraid that He who is in Heaven will not send a violent wind to shower stones at you ? Then you will know the import of My commination!
या तुम उससे निश्चिन्त हो जो आकाश में है कि वह तुमपर पथराव करनेवाली वायु भेज दे ? फिर तुम जान लोगे कि मेरी चेतावनी कैसी होती है
But Gandhi, unmoved by patriotic hysteria and unafraid of his compatriots ' jeers, condemned Dhingra ' s act, and even went to the extent of saying that Dhingra ' acted like a coward ', since to kill an invited guest, in one ' s own house, without a warning and without giving him a chance to defend himself, was nothing if not a cowardly act.
उन्होंने यहां तक कहा कि धींगरा ने कायर जैसा व्यवहार किया है क्योंकि एक आमंत्रित अतिथि को अपने ही घर में, बिना उसे चेतावनी दिए और बिना बचाव का मौका दिए मार डालना अगर कायरता नहीं तो कुछ भी नहीं था ।
We should be proud to live in a land where people can and do speak out their mind unafraid.
हमें एक ऐसे देश का निवासी होने पर गर्व महसूस करना चाहिए जहां के लोग अपने मन की बात बिना किसी भय के कह सकते है, और कहते है ।