तख्त
राजसिंहासन
शासक पद
सिंहासन
Dethrone
And he who had some knowledge of the Book said:" I will bring it before the twinkling of your eye." When Solomon saw the throne placed firmly beside him, he cried out:" This is by the grace of my Lord so that He may test me whether I give thanks for or act with ingratitude. Whoever is grateful is so to his own good ; and whoever is ungrateful, let him know that my Lord is Immensely Resourceful, Most Bountiful."
जिस व्यक्ति के पास किताब का ज्ञान था, उसने कहा," मैं आपकी पलक झपकने से पहले उसे आपके पास लाए देता हूँ ।" फिर जब उसने उसे अपने पास रखा हुआ देखा तो कहा," यह मेरे रब का उदार अनुग्रह है, ताकि वह मेरी परीक्षा करे कि मैं कृतज्ञता दिखाता हूँ या कृतघ्न बनता हूँ । जो कृतज्ञता दिखलाता है तो वह अपने लिए ही कृतज्ञता दिखलाता है और वह जिसने कृतघ्नता दिखाई, तो मेरा रब निश्चय ही निस्पृह, बड़ा उदार है ।"
The third and last is of another ' s experience, of Buddha himself: To a Buddha seated on a Lotus Lord Buddha, on thy lotus - throne, With praying eyes and hands elate, What mystic rapture dost thou own, Immutable and ultimate.
तीसरी और अन्तिम कविता दूसरे के अनुभव से संबंधित हैस्वंय बुद्ध के अनुभव सेः भगवन् बुद्ध, निज पद्मासन पर, प्रार्थना करते नेत्रों व ऊर्ध्व हस्तों से, कौन - सा उल्लास मिलता है तुम्हें, अपरिवर्तनीय और अन्तिम ?
He said:" Transform her throne out of all recognition by her: let us see whether she is guided or is one of those who receive no guidance."
उसने कहा," उसके पास उसके सिंहासन का रूप बदल दो । देंखे वह वास्तविकता को पा लेती है या उन लोगों में से होकर रह जाती है, जो वास्तविकता को पा लेती है या उन लोगों में से होकर जाती है, जो वास्तविकता को पा लेती है या उन लोगों में से होकर रह जाती है, जो वास्तविकता को नहीं पाते ।"
At the time when Akbar acceded to throne, Portuguese has constructed many Forts and Factories on the western cost of the continent, and on large scale control the navel and marine trade in that area.
१५५६ में अकबर के गद्दी लेने के समय पुर्तगालियों ने महाद्वीप के पश्चिमी तट पर बहुत से दुर्ग व निर्माणियाँ लगा ली थीं और बड़े स्तर पर उस क्षेत्र में नौवहन और सागरीय व्यापार नियंत्रित करने लगे थे ।
Indeed, your Lord is Allah, who created the heavens and the earth in six days and then established Himself above the throne, arranging the matter. There is no intercessor except after His permission. That is Allah, your Lord, so worship Him. Then will you not remember ?
निस्संदेह तुम्हारा रब वही अल्लाह है, जिसने आकाशों और धरती को छः दिनों में पैदा किया, फिर सिंहासन पर विराजमान होकर व्यवस्था चला रहा है । उसकी अनुज्ञा के बिना कोई सिफ़ारिश करनेवाला भी नहीं है । वह अल्लाह है तुम्हारा रब । अतः उसी की बन्दगी करो । तो क्या तुम ध्यान न दोगे ?
Say,:" Had there been other gods with Him, as they claim, they would surely have attempted to find a way to the Lord of the throne.
कह दो," यदि उसके साथ अन्य भी पूज्य - प्रभु होते, जैसा कि ये कहते हैं, तब तो वे सिंहासनवाले तक पहुँचने का कोई मार्ग अवश्य तलाश करते"
If there were therein gods beside Allah, then verily both had been disordered. Glorified be Allah, the Lord of the throne, from all that they ascribe.
यदि इन दोनों में अल्लाह के सिवा दूसरे इष्ट - पूज्य भी होते तो दोनों की व्यवस्था बिगड़ जाती । अतः महान और उच्च है अल्लाह, राजासन का स्वामी, उन बातों से जो ये बयान करते है
Richly decorated with flowers of inlaid mosaic work of cornelian and other stones, the Diwan - e - Khas once housed the famous Peacock throne, which when it was plundered by Nadir Shah in 1739, was valued at six million sterling.
कार्नेलियन तथा अन्य पत्थरों के पच्चीकारी मोज़ेक कार्य के फूलों से सजा दीवाने खास एक समय प्रसिद्ध मयूर सिहांसन के लिए भी जाना जाता था, जिसे 1739 में नादिरशाह द्वारा हथिया लिया गया, जिसकी कीमत 6 मिलियन स्टर्लिंग थी ।
He who, in six days created the heavens and the earth and all that lies between them, and then He willed to the throne. The Merciful ; ask about Him from he who knows Him.
जिसने आकाशों और धरती को और जो कुछ उन दोनों के बीच है छह दिनों में पैदा किया, फिर सिंहासन पर विराजमान हुआ । रहमान है वह! अतः पूछो उससे जो उसकी ख़बर रखता है
Who would occupy the throne after the death of the king, they thought.
उसके मन में यही बात उठती रहती थी कि उसके बाद राजगद्दी पर कौन बैठेगा ?