गौण महत्व का
अधीनस्थ
उपयोगी
चापलूसीपूर्ण
चापलूस
दासवत्
Implemental
Slavish
And they say: Allah hath taken unto Himself a son. Be He glorified! Nay, but whatsoever is in the heavens and the earth is His. All are subservient unto Him.
कहते है, अल्लाह औलाद रखता है - महिमावाला है वह! आकाशों और धरती में जो कुछ भी है, उसी का है । सभी उसके आज्ञाकारी है
And He has made subservient for you the night and the day and the sun and the moon, and the stars are made subservient by His commandment ; most surely there are signs in this for a people who ponder ;
उसी ने तुम्हारे वास्ते रात को और दिन को और सूरज और चाँद को तुम्हारा ताबेए बना दिया है और सितारे भी उसी के हुक्म से फरमाबरदार हैं कुछ शक़ ही नहीं कि समझदार लोगों के वास्ते यक़ीनन बहुत सी निशानियाँ हैं
He made the sun and moon, each following its course, and the day and the night all subservient to you.
और सूर्य और चन्द्रमा को तुम्हारे लिए कार्यरत किया और एक नियत विधान के अधीन निरंतर गतिशील है । और रात औऱ दिन को भी तुम्हें लाभ पहुँचाने में लगा रखा है
No nation will be happy in a subservient role.
कोई भी राष्ट्र मातहत स्थिति से प्रसन्नता का अनुभव नहीं कर सकता ।
The laws of economy and business have to be subservient to the more fundamental laws of society, in which people always and everywhere aspire to shape their destiny in conditions of freedom and democracy.
अर्थव्यवस्था और व्यापार के सिद्धांतों को समाज के मूलभूत सिद्धांतों के अधीन होना पड़ता है, इसमें लोग हमेशा और सभी जगह स्वतंत्रता और लोकतंत्र की स्थितियों में अपनी नियति को साकार करना पसंद करते हैं ।
And He has made subservient to you the sun and the moon pursuing their courses, and He has made subservient to you the night and the day.
और सूरज और चाँद को तुम्हारा ताबेदार बना दिया कि सदा फेरी किया करते हैं और रात और दिन को तुम्हारे क़ब्ज़े में कर दिया कि हमेशा हाज़िर रहते हैं
And He has made subservient to you the sun and the moon pursuing their courses, and He has made subservient to you the night and the day.
और सूर्य और चन्द्रमा को तुम्हारे लिए कार्यरत किया और एक नियत विधान के अधीन निरंतर गतिशील है । और रात औऱ दिन को भी तुम्हें लाभ पहुँचाने में लगा रखा है
He it is Who hath made the earth Unto you subservient, so go forth in the regions thereof, and eat of His provision. And Unto Him is the Resurrection.
वही तो है जिसने तुम्हारे लिए धरती को वशीभूत किया । अतः तुम उसके कन्धों पर चलो और उसकी रोज़ी में से खाओ, उसी की ओर दोबारा उठकर जाना है
And if you ask them, Who created the heavens and the earth and made the sun and the moon subservient, they will certainly say, Allah. Whence are they then turned away ?
अगर तुम उनसे पूछो कि किसने सारे आसमान व ज़मीन को पैदा किया और चाँद और सूरज को काम में लगाया तो वह ज़रुर यही कहेंगे कि अल्लाह ने फिर वह कहाँ बहके चले जाते हैं
Most surely in the creation of the heavens and the earth and the alternation of the night and the day, and the ships that run in the sea with that which profits men, and the water that Allah sends down from the cloud, then gives life with it to the earth after its death and spreads in it all animals, and the changing of the winds and the clouds made subservient between the heaven and the earth, there are signs for a people who understand.
निस्संदेह आकाशों और धरती की संरचना में, और रात और दिन की अदला - बदली में, और उन नौकाओं में जो लोगों की लाभप्रद चीज़े लेकर समुद्र में चलती है, और उस पानी में जिसे अल्लाह ने आकाश से उतारा, फिर जिसके द्वारा धरती को उसके निर्जीव हो जाने के पश्चात जीवित किया और उसमें हर एक जीवधारी को फैलाया और हवाओं को गर्दिश देने में और उन बादलों में जो आकाश और धरती के बीच नियुक्त होते है, उन लोगों के लिए कितनी ही निशानियाँ है जो बुद्धि से काम लें