अभिवादन
नमस्कार
अभिवादन शब्द
अभिनंदन
सम्बोधन
सलामी
In ' salutation to the Eternal Peace ', the duality persists ; fear, hate and ' relentless fate ' on the one hand and on the other Sarojini cries in ecstasy ; But I sweet soul, rejoice that I was born, When from the climbing terraces of corn I watched the golden orioles of thy morn.
शाश्वत शांति को प्रमाण में यह दोहरापन बना हुआ है, डर, नफ़रत और कठोर भाग्य एक तरफ हैं दूसरी तरफ सरोजिनी सोन्माद कह रहीं हैः किंतु मैं, मधु आत्मा, खुश हूं कि मैंने जन्म लिया, जब अनाज की ऊपर उठती छतों से मैं देखती हूं सुनहरे पंछी तुम्हारे प्रभात के ।
As the bride, who had the character of a sweet melody, drew nearer, all hands went up in salutation to her, except those of Rama and the Rishis.
मधुगीतरूपिणी वधू जैसे ही पास आई सभी ने हाथ उठाकर उन्हें नमस्कार किया, केवल राम और ऋषियों को छोड़कर ।
On this occasion he planned the flag salutation ceremony in an imaginative way—a huge flag pole, big silken tricolour, horse shoe shaped arrangement of volunteers and a special tune played by band squad.
एक विशाल ध्वज स्तंभ गाड़ा गया, एक विशाल तिरंगा ध्वज डोरी से बांधा गया, स्वयंसेवकों को घोड़े की नाल की आकृति में खड़ा किया गया और बैंड - दस्ते ने एक विशेष धुन तैयार की ।
There is no blame on the blind man, nor is there blame on the lame, nor is there blame on the sick, nor on yourselves that you eat from your houses, or your fathers ' houses or your mothers ' houses, or your brothers ' houses, or your sisters ' houses, or your paternal uncles ' houses, or your paternal aunts ' houses, or your maternal uncles ' houses, or your maternal aunts ' houses, or what you possess the keys of, or your friends '. It is no sin in you that you eat together or separately. So when you enter houses, greet your people with a salutation from Allah, blessed goodly ; thus does Allah make clear to you the communications that you may understand.
इस बात में न तो अंधे आदमी के लिए मज़ाएक़ा है और न लँगड़ें आदमी पर कुछ इल्ज़ाम है - और न बीमार पर कोई गुनाह है और न ख़ुद तुम लोगो पर कि अपने घरों से खाना खाओ या अपने बाप दादा नाना बग़ैरह के घरों से या अपनी माँ दादी नानी वगैरह के घरों से या अपने भाइयों के घरों से या अपनी बहनों के घरों से या अपने चचाओं के घरों से या अपनी फूफ़ियों के घरों से या अपने मामूओं के घरों से या अपनी खालाओं के घरों से या उस घर से जिसकी कुन्जियाँ तुम्हारे हाथ में है या अपने दोस्तों से इस में भी तुम पर कोई इल्ज़ाम नहीं कि सब के सब मिलकर खाओ या अलग अलग फिर जब तुम घर वालों में जाने लगो तो ख़ुद अपने ही ऊपर सलाम कर लिया करो जो ख़ुदा की तरफ से एक मुबारक पाक व पाकीज़ा तोहफा है - ख़ुदा यूँ एहकाम तुमसे साफ साफ बयान करता है ताकि तुम समझो
For them the salutation upon their meeting * is “ Peace” ; and an honourable reward is kept prepared for them..
जिस दिन वे उससे मिलेंगे उनका अभिवादन होगा, सलाम और उनके लिए प्रतिष्ठामय प्रदान तैयार कर रखा है
Lo! Allah and His angels shower blessings on the Prophet. O ye who believe! Ask blessings on him and salute him with a worthy salutation.
इसमें भी शक नहीं कि खुदा और उसके फरिश्ते पैग़म्बर पर दुरूद भेजते हैं तो ऐ ईमानदारों तुम भी दुरूद भेजते रहो और बराबर सलाम करते रहो
There will be the salutation by those of the right hand:" Peace on you.
तो तुम पर दाहिने हाथ वालों की तरफ़ से सलाम हो
Those shall be rewarded with the highest apartment, because they persevered. and therein they shall be met with a greeting and salutation -
यही वे लोग है जिन्हें, इसके बदले में कि वे जमे रहे, उच्च भवन प्राप्त होगा, तथा ज़िन्दाबाद और सलाम से उनका वहाँ स्वागत होगा
There is no blame on the blind man, nor is there blame on the lame, nor is there blame on the sick, nor on yourselves that you eat from your houses, or your fathers ' houses or your mothers ' houses, or your brothers ' houses, or your sisters ' houses, or your paternal uncles ' houses, or your paternal aunts ' houses, or your maternal uncles ' houses, or your maternal aunts ' houses, or what you possess the keys of, or your friends '. It is no sin in you that you eat together or separately. So when you enter houses, greet your people with a salutation from Allah, blessed goodly ; thus does Allah make clear to you the communications that you may understand.
न अंधे के लिए कोई हरज है, न लँगड़े के लिए कोई हरज है और न रोगी के लिए कोई हरज है और न तुम्हारे अपने लिए इस बात में कि तुम अपने घरों में खाओ या अपने बापों के घरों से या अपनी माँओ के घरों से या अपने भाइयों के घरों से या अपनी बहनों के घरों से या अपने चाचाओं के घरों से या अपनी फूफियों के घरों से या अपनी ख़ालाओं के घरों से या जिसकी कुंजियों के मालिक हुए हो या अपने मित्र के यहाँ । इसमें तुम्हारे लिए कोई हरज नहीं कि तुम मिलकर खाओ या अलग - अलग । हाँ, अलबत्ता जब घरों में जाया करो तो अपने लोगों को सलाम किया करो, अभिवादन अल्लाह की ओर से नियत किया हुए, बरकतवाला और अत्याधिक पाक । इस प्रकार अल्लाह तुम्हारे लिए अपनी आयतों को स्पष्ट करता है, ताकि तुम बुद्धि से काम लो
Their salutation on the day when they shall meet Him will be: Peace. And He hath prepared for them a goodly recompense.
जिस दिन उसकी बारगाह में हाज़िर होंगे उनकी मुरादात सलामती होगी और खुदा ने तो उनके वास्ते बहुत अच्छा बदला तैयार रखा है