गुप्त
शौचघर
अंतरंग
गुप्त जानकारी के संबन्धित
शौचगृह
Appeal from the judgements of this court lay to the privy Council, subject to certain restrictions.
इस न्यायालय के निर्णयों के विरुद्ध अपील, कुछ निर्बंधनों के अधीन प्रिवी काउंसिल में की जा सकती थी.
As regards the privy purse of the Rulers, since the three major States of Jaipur, Jodhpur and Bikaner, are more or less on par with Indore, their privy purse should be fixed at RS. 17i lakhs per annum on the analogy of the Ruler of Indore, who draws a privy purse Rs. 15 lakhs per year plus an allowance of Rs. 2i lakhs as Up Raj Pramukh.
8. राजाओं की प्रीवी पर्स के बारे में इन नेताओं का मत है कि चूंकि जयपुर, जोधपुर और, बीकानेर राज्य कम - अधिक इन्दौर की बराबरी के है, इसलिए इन तीन राजाओं की प्रिवी पर्स इन्दौर के राजा की समानता में - जिन्हें वार्षिक 15 लाख रुपये की प्रीवी पर्स और उप - राजप्रमुख के नाते ढाई लाख रुपये भत्ते के रूप में मिलते है - मिलते हैं - वार्षिक 17 लाख रुपये निश्चित की जानी चाहिये ।
Privy should be kept free from insects such as housefly.
शौचालय को कीटाणुओं से मुक्त रखना चाहिए जैसे घरेलू मक्खी ।
Privy Council: its Appellate Jurisdiction and Constitution In 1833 an Act was passed by the British Parliament determining the constitution of the privy Council as a Court of Appeal.
प्रिवी काउंसिल: अपीली अधिकारिता और गठन 1833 में ब्रिटेश पार्लियामेंट ने एक अधिनियम पारित किया जिसके द्वारा अपीली न्यायालय के रूप में प्रिवी काउंसिल के गठन का निश्चय किया गया ।
O you who believe! do not go near prayer when you are Intoxicated until you know what you say, nor when you are under an obligation to perform a bath - - unless travelling on the road - - until you have washed yourselves ; and if you are sick, or on a journey, or one of you come from the privy or you have touched the women, and you cannot find water, betake yourselves to pure earth, then wipe your faces and your hands ; surely Allah is Pardoning, Forgiving.
ऐ ईमानदारों तुम नशे की हालत में नमाज़ के क़रीब न जाओ ताकि तुम जो कुछ मुंह से कहो समझो भी तो और न जिनाबत की हालत में यहॉ तक कि ग़ुस्ल कर लो मगर राह गुज़र में हो बल्कि अगर तुम मरीज़ हो और पानी नुक़सान करे या सफ़र में हो तुममें से किसी का पैख़ाना निकल आए या औरतों से सोहबत की हो और तुमको पानी न मयस्सर हो तो पाक मिट्टी पर तैमूम कर लो और अपने मुंह और हाथों पर मिट्टी भरा हाथ फेरो तो बेशक ख़ुदा माफ़ करने वाला है बख्श ने वाला है
However, the appellate jurisdiction of the privy Council remained in - tact Section 208 of the Government of India Act, 1935.
किंतु प्रिवी काउंसिल की अपीली परिसंघ न्यायालय अधिकारिता यथापूर्व बनी रही भारत शासन अधिनियम, 1935 की धारा 208 ।
On 10th February, 1931, the petition was rejected by the privy Council. 10
फरवरी 1930 को प्रिवी काउंसिल द्वारा यह अर्जी नामंजूर कर दी गयी.
According to the procedure of the privy Council, both sides were required to put up their cases in writing, which was known as presenting the case.
प्रिय कौंसिल का कायदा हे कि दोनों पक्ष अपनी बहस का सारांश लिखकार दाखिल कर देते है ।
O ye who believe! when ye stand up for the prayer wash your faces and your hands unto the elbows, and wipe your heads, and wash your feet unto the ankles. And if ye be polluted, then purify yourselves And if ye be ailing or on a journey or one of you cometh from the privy or ye have touched women, and ye find not water, then betake yourselves to clean earth and wipe your faces and hands therewith. Allah intendeth not to lay upon you a hardship, but intendeth to purify you and to complete His favour upon you, that haply ye may return thanks.
ऐ ईमानदारों जब तुम नमाज़ के लिये आमादा हो तो अपने मुंह और कोहनियों तक हाथ धो लिया करो और अपने सरों का और टखनों तक पॉवों का मसाह कर लिया करो और अगर तुम हालते जनाबत में हो तो तुम तहारत कर लो और अगर तुम बीमार हो या सफ़र में हो या तुममें से किसी को पैख़ाना निकल आए या औरतों से हमबिस्तरी की हो और तुमको पानी न मिल सके तो पाक ख़ाक से तैमूम कर लो यानि उससे अपने मुंह और अपने हाथों का मसा कर लो ख़ुदा तो ये चाहता ही नहीं कि तुम पर किसी तरह की तंगी करे बल्कि वो ये चाहता है कि पाक व पाकीज़ा कर दे और तुमपर अपनी नेअमते पूरी कर दे ताकि तुम शुक्रगुज़ार बन जाओ
As originally constituted in 1833 the Judicial Com - mittee of privy Council consisted of the Lord President, the Lord Chancellor, and such of the Councillors as held or had held certain high judicial offices. 1833
के मूल गठन के अनुसार प्रिवी काउंसिल की न्यायिक समिति में लार्ड प्रेसिडेंट, लार्ड चांसलर और ऐसे काउंसलर रहते थे जो उच्च न्यायिक पदों पर आसीन हों अथवा आसीन रह चुके हों.