तैयार करना
रुकना
संतुलित करना
साध कर पकड़ना
ठवन
संतुलन
Draped in a long coat or a pashmina shawl cast loosely over his shoulders, his large white turban framing his calm, but glowing, face with deep wistful eyes, a straight nose and a long flowing beard, he had the statuesque poise and grandeur of a Greek image.
कंधों पर लम्बा कोट या पशमीन की चादर बड़ी धवल पगड़ी, शान्तिपूर्ण आकृति परन्तु दीप्तिमान चेहरे पर गहरी विचारमग्न आँखों के साथ सीधी तथा हिलती हुई लम्बी दाढ़ी, मूर्तिवत ग्रीक प्रतिमा के वैभव का - सा आभास देती थी ।
One will liberate us from the action of the lower nature and admit us to the calm peace of the divine being ; the other will liberate us into the full being and power of the higher nature and admit us to the equal poise and universality of a divine and infinite knowledge, will of action, Ananda.
उनमें में एक हमें अपरा प्रकृति की क्रिया से मुक्त कर देगी तथा दिव्य सत्ता की सुस्थिर शांति में प्रवेश प्रदान करेगी, दूसरी हमें पर प्रकृति की पूर्ण सत्ता और शक्ति में उन्मुक्त कर देगी और दिव्य एवं अनंत ज्ञान, कार्य - संकल्प तथा आनंद की समत्वपूर्ण स्थिति और विश्वमयता में प्रवेश प्रदान करेगी ।
The mundane ideal regards man always as a mental, vital and physical being and it aims at a human perfection well within these limits, a perfection of mind, life and body, an expansion and refinement of the intellect and knowledge, of the will and power, of ethical character, aim and conduct, of aesthetic sensibility and creativeness, of emotional balanced poise and enjoyment, of vital and physical soundness, regulated action and just efficiency.
लौकिक आदर्श मनुष्य को सदा की एक मानसिक, प्राणिक एवं भौतिक सत्ता मानता है और उसका लक्ष्य बस इस सीमाओं के भीतर मानवीय पूर्णता प्राप्त करना ही होता है ; इस पूर्णता का अभिप्राय है मन, 626 योग - समन्वय प्राण और शरीर की पूर्णता, बुद्धि एवं ज्ञान तथा संकल्प एवं शक्ति का विस्तार और परिष्कार, नैतिक चरित्र, लक्ष्य और आचार - व्यवहार का, सौंन्दर्य - विषयक सम्वेदनशीलता और सर्जन - शक्ति का, भावों की सन्तुलित स्थिति एवं उनके उपभोग का, प्राण और शरीर की निर्दोष अवस्था का, नियमबद्ध किया और यथायथ कुशलता का विकास और परिष्कार ।
There is possible a reception and reaction with clear comprehension, poise and balance.
इन सम्पर्कों और शक्तियों को वह स्पष्ट समझ, समस्थिति एवं सन्तुलन के सात भी ग्रहण कर सकता है और इनकी ओर प्रतिक्रिया कर सकता है ।
We must take back in the right relation and in the poise of an eternal Truth the world of our manifested existence peopled by our fellow - beings from which we had drawn back because we were bound to them in a wrong relation and in the poise of a falsehood created in Time by the principle of divided consciousness with all its oppositions, discords and dualities.
अपनी व्यक्त सत्ता के इस जगत् को हमें यथार्थ सम्बन्ध के साथ तथा सनातन सत्य की स्थिति में फिर से अपनाना होगा यह जानते हुए कि यह हमारे मनुष्य - भाइयों से भरा हुआ है जिनसे हम इसलिये विमुख हो गये थे कि उनके साथ हम अशुद्ध सम्बन्ध के द्वारा और मिथ्यात्व की एक ऐसी स्थिति में बंधे हुए थे जिसे अपने समस्त विरोधों, विसंवादों और द्वंद्वों से युक्त विभक्त चेतना के सिद्धन्त ने काल में उत्पन्न किया था ।
To find the way of rising to this greater poise and be self - ruler, Swarat, is a condition of his perfection.
इस महत्तर भूमिका तक आरोहण करने का मार्ग ढूंढ़कर स्वराट् अर्थात् आत्म - शासक बनना ही उसकी पूर्णता या सिद्धि की शर्त है ।
We must take back in the right relation and in the poise of an eternal Truth the world of our manifested existence peopled by our fellow - beings from which we had drawn back because we were bound to them in a wrong relation and in the poise of a falsehood created in Time by the principle of divided consciousness with all its oppositions, discords and dualities.
अपनी व्यक्त सत्ता के इस जगत् को हमें यथार्थ सम्बन्ध के साथ तथा सनातन सत्य की स्थिति में फिर से अपनाना होगा यह जानते हुए कि यह हमारे मनुष्य - भाइयों से भरा हुआ है जिनसे हम इसलिये विमुख हो गये थे कि उनके साथ हम अशुद्ध सम्बन्ध के द्वारा और मिथ्यात्व की एक ऐसी स्थिति में बंधे हुए थे जिसे अपने समस्त विरोधों, विसंवादों और द्वंद्वों से युक्त विभक्त चेतना के सिद्धन्त ने काल में उत्पन्न किया था ।
We mean a general settled poise or world of relations between Purusha and Prakriti, between the Soul and Nature.
हमारा अभिप्राय है पुरुष और प्रकृति के सम्बन्धों की एक सामान्य सुस्थिर भूमिका या उनके सम्बन्धों का एक ऐसा ही लोग ।
Its effect, if uncorrected by other elements, can be nothing but disintegration of the form or the poise of the nature without any new creation or new equilibrium or force of kinetic progress.
इसका प्रभाव, यदि उसे अन्य तत्त्वों के द्वारा सुधारा न जाय तो, इसके सिवाय और कुछ नही हो सकता कि प्रकृति का वह रूप या संतुलन विघटित हो जायगा और कुछ नहीं हो सकता कि प्रकृति का वह रूप उत्पन्न होगा और न कोई नया संतुलन या क्रियाशाल विकास की कोई नयी शक्ति ही उत्पन्न होगी ।
Therefore this would seem to be the poise the uplifted soul ought to take, if it has still to preserve any relations with human action in the world - existence, an unalterable silence, tranquillity, passivity within, an action without regulated by the universal Will and Wisdom which works, as the Gita says, without being involved in, bound by or ignorantly attached to its works.
अतएव, ऐसालगता है कि यदि उठी हुई आत्मा को इस भूमिका में पहुंचने पर भी जगत् में मानवीय कर्म से किसी प्रकार का सम्बन्ध बनाये रखना हो तो उसे इस स्थिति को अपनाना होगाअन्तर में तो अटल निश्चल - नीरवता, शान्ति एवं निष्क्रियता और बाहर ऐसी विराट् संकल्पशक्ति एवं प्रज्ञा के द्वारा नियंत्रित कर्म जो, गीता के अनुसार, अपने कर्मों के लिप्त हुए बिना, उनसे बद्ध या उनमें अज्ञानपूर्वक आसक्त हुए बिना कार्य करती है ।