Meaning of Perfection in Hindi - हिंदी में मतलब

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Ayush Rastogi
Mar 08, 2020   •  5 views
  • निपुणता

  • सब प्रकार से संतोषप्रद

  • संपूर्णता/निर्दोषता

  • पूर्णता

  • प्रवीणता

  • संपूर्णता

Synonyms of "Perfection"

  • Flawlessness

  • Paragon

  • Idol

Antonyms of "Perfection"

"Perfection" शब्द का वाक्य में प्रयोग

  • We have to recognise once more that the individual exists not in himself alone but in the collectivity and that individual perfection and liberation are not the whole sense of God ' s intention in the world.
    हमें यह एक बार फिर स्वीकार करना पड़ेगा कि व्यक्ति केवल अपने अन्दर ही नहीं, बल्कि समूह में भी निवास करता है और यह कि वैयक्तिक पूर्णता और मुक्ति ही संसार में भगवान् के अभिप्राय का समस्त अर्थ नहीं है ।

  • The supramental nature on the contrary is just, harmonious and one, will and knowledge there only light of the spirit and power of the spirit, the power effecting the light, the light 792 The Yoga of Self - perfection illumining the power.
    इसके विपरीत, अतिमानसिक प्रकृति सत्यमय, सुसमज्जस और एकात्मक है, उसमें संकल्प और ज्ञान आत्मा की ज्योति और आत्मा की शक्तिमात्र हैं, शक्ति ज्योति को चरितार्थ करती है, ज्योति शक्ति को आलोकित करती है ।

  • The constant striving after perfection makes man worthy.
    इस संबंध में एक घटना बड़ी दिलचस्प है ।

  • So also all perfection of which the outer man is capable, is only a realising of the eternal perfection of the Spirit within him.
    अतएव, मनुष्य का बाह्म 54 योग - समन्वय व्यक्तित्व जिस पूर्णता को पहुंच सकता है वह भी सारी - की - सारी उसकी अपनी अन्तरस्थ आत्मा की सनातन पूर्णता को उपलब्ध करना मात्र है ।

  • He is felt in us as the possessor of our being and above us as the ruler of all its workings and they become to us nothing but a manifestation 770 The Yoga of Self - perfection of him in the existence of the Jiva.
    वे हमारे अन्दर हमारी सत्ता के स्वामी के रूप में और हमारे ऊपर उसकी समस्त क्रियाओं के नियामक के रूप में अनुभूत होते हैं और ये क्रियाएं हमारे लिये जीव की सत्ता में उनकी अभिव्यक्ति के सिवा और कुछ नहीं रह जातीं ।

  • All paralysing self - distrust has to be discouraged, all doubt of our strength to accomplish, for that is a false assent to impotence, an imagination of weakness and. 780 The Yoga of Self - perfection a denial of the omnipotence of the spirit.
    पंगु बनानेवाले समस्त आत्म - अविश्वास को, कार्यसिद्ध के बारे में अपनी शक्ति के समस्त सन्देह को निरुत्साहित करना होगा, क्योंकि उसका अर्थ है अक्षमता को गलत स्वीकृति देना, अपने अन्दर दुर्बलता की कल्पना करना और आत्मा की सर्वशक्तिमत्ता से इन्कार करना ।

  • But whatever his aim, however exalted his aspiration, he has to begin from the law of his present imperfection, to take full account of it and see how it can be converted to the law of a possible perfection.
    परन्तु उसका लक्ष्य चाहे जो हो, उसकी अभीप्सा चाहे कितनी भी ऊंची क्यों न हो, फिर भी उसे अपनी साधना का आरम्भ अपनी वर्तमान अपूर्णता के नियम से ही करना पड़ेगा, इसके स्वरूप को पूरी तरह से अपने विचार में लाकर यह देखना आत्म - पूर्णता का मनोविज्ञान 639 होगा कि किस प्रकार इसे सम्भवनीय पूर्णता के नियम में रूपान्तरित किया जा सकता है ।

  • An integral self - fulfilment, an absolute, a culmination for the experiences of the heart, for its instinct of love, joy, devotion and worship ; an absolute, a culmination for the senses, for their pursuit of divine beauty and good and delight in the forms of things ; an absolute, a culmination for the life, for its pursuit of works, of divine power, mastery and perfection ; an absolute, a culmination beyond its own limits for the thought, for its hunger after truth and light and divine wisdom and knowledge.
    लक्ष्य है सर्वांगीण आत्म - चरितार्थता, - अर्थात् हृदय के अनुभवों के लिये, इसकी प्रेम, हर्ष, भक्ति और पूजासम्बन्धी सहज - प्रवृत्ति के लिये एक चरम लक्ष्य एवं परिणति ; इन्द्रियों के लिये वस्तुओं के रूपों में इनकी दिव्य सौन्दर्य शिव और आनन्द की खोज के लिये एक चरम लक्ष्य एवं परिणति ; प्राण के लिये, इसकी कर्म करने तथा दिव्य शक्ति, प्रभुत्व और पूर्णता प्राप्त करने की प्रवृत्ति के लिये एक चरम लक्ष्य एवं परिणति ; विचार के लिये, इसकी सत्य, प्रकाश, दिव्य प्रज्ञा और ज्ञान की भूख के लिये इसकी सीमाओं से परे एक चरम लक्ष्य एवं परिणति ।

  • But this steadfast endurance of the flesh and heart and mind must be reinforced by a sustained sense of spiritual submission to a divine Will: this living clay must yield not only with a stern or courageous acquiescence, but with knowledge or with resignation, even in suffering, to the touch of the divine Hand that is preparing its perfection.
    परन्तु शरीर और हृदय एवं मन की इस दृढ़ सहिष्णुता को भागवत इच्छाशक्ति के प्रति आध्यात्मिक अधीनता के सुपुष्ट भाव का सहारा देना होगा ; इस जीते - जागते पुतले को, अपनी पूर्णता को गढ़नेवाले भागवत हस्त के स्पर्श के प्रति, दुःख में भी, नत होना होगा - कठोर वा साहसपूर्ण सहमतिपूर्वक ही नहीं, अपितु ज्ञानपूर्वक अथवा अत्सर्ग के भाव में ।

  • To open oneself to the supracosmic Divine is an essential condition of this integral perfection ; to unite oneself with the universal Divine is another essential condition.
    विश्वातीत भगवान् की ओर अपने - आपको खोलना इस सर्वांगीण पूर्णता की एक आवश्यक शर्त है ; विश्वगत भगवान् के साथ अपने - आपको एक करना एक अन्य आवश्यक शर्त है ।

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