दान
खैरात
चढ़ावा (देवताओं पर चढ़ाई गयी वस्तुएं)
अंतिम भोज संस्कार में दी गयी रोटी (Bread) और दाखरस (Wine)
Oblation is offered to the Goddess of Destiny, Shathi.
भाग्य की देवी साथी को नैवेद्य चढ़ाया जाता है ।
Some part of the oblation is offered to the small tank as well.
नैवेद्य का कुछ भाग, कुंड में भी डाला जाता है ।
It seems as though this flower - laden springtime world cheerfully offers my feeble soul to heavan, the oblation shall be accepted.
ऐसा लगता है जैसे यह फूलों से लदा बसंत कालीन विश्व मेरी अशक्त आत्मा प्रसन्नतापूर्वक स्वर्ग को भेंट कर रही है, समर्पण स्वीकार किया जायेगा ।
This time every worshipper is to offer in addition an oblation on a flat copper plate to the Sun, consisting of such articles as China rose Java, a pair of plantains, red sandal paste and to float the offering on water.
इस बार प्रत्येक उपासिका एक सपाट तांबे की तश्तरी पर नैवेद्य भी सूर्य देवता को अर्पित करती है, जिसमें जवाकुसुम, दो केले और लाल चंदन के लेप जैसी वस्तुएं होती हैं और इसे जल में प्रवाहित कर देती है ।
Since the advent of universe, during the oblation normally the style of recitation of mantra, mantrakshar and work - procedure varies.
सृष्टि के आरम्भ से ही यज्ञ करने में साधारणतया मन्त्रोच्चारण की शैली & # 44 ; मन्त्राक्षर एवं कर्म - विधि में विविधता रही है ।
Since the advent of universe, during the oblation normally the style of recitation of mantra, mantrakshar and work - procedure varies.
सृष्टि के आरम्भ से ही यज्ञ करने में साधारणतया मन्त्रोच्चारण की शैली मन्त्राक्षर एवं कर्म - विधि में विविधता रही है ।
Both in the tribal homes as well as in the other houses in both urban and rural areas, there is a sacred place in the house where ancestral spirits are invoked and offered oblation.
शहरी तथा ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में आदिवासियों तथा गैर - आदिवासियों के घरों में एक पवित्र स्थान होता है जहां पूर्वजों की आत्माओं का आह्वान किया जाता है तथा उन्हें नैवेद्य चढ़ाया जाता है ।
According to this religious ceremony of oblation as per vedas is considered as the main utilization of Veda ' s words.
इसके अनुसार वेदोक्त यज्ञों का अनुष्ठान ही वेद के शब्दों का मुख्य उपयोग माना गया है ।
A man known as poranadi is selected on the first day of the commencement of the rituals as the offering for the oblation.
किसी व्यक्ति को प्रथम दिन ही बलि के लिए चुन लिया जाता है, उसे पोरनाडि कहते हैं ।
For oblation, hoarse was necessary which was stolen by jealous Indra.
यज्ञ के लिये घोड़ा आवश्यक था जो ईर्ष्यालु इंद्र ने चुरा लिया था ।