विवाह कराना
संबंध बन्ना
विवाह करना
शादी करना
विवाह करना करना
परिणय करना
बंधन जोड़ना
संबंध बनानाना
विवाह कर्ना
Among Muslims and Christians, Jati is not formally recognized and theoretically a Muslim can marry any Muslim and a Christian any other Christian.
मुसलमानों और ईसाइयों में जाति को औपचारिस मान्यता नहीं दी गयी है तथा सैद्धांतिक दृष्टि से कोई ईसाई किसी भी अन्य ईसाई से विवाह से विवाह कर सकता है ।
Madhuri becomes the foster - daughter of Chakravarti, and tells him of Prithipal Singh whom she had intended to marry but later rejected for being a loafer.
माधुरी चक्रवर्ती की पोष्य - पुत्री बन जाती है और उसे पृथीपाल सिंह के बारे में बताती है कि उसने पहले उससे विवाह करनें का मन बनाया था पर बाद में उसे लोफर पाकर इस विचार को रद्ध कर दिया था ।
If you fear that you may not deal justly with the orphans, then marry women that you like, two, three, or four. But if you fear that you may not treat them fairly, then one, or your slave - women. That makes it likelier that you will not be unfair.
और यदि तुम्हें आशंका हो कि तुम अनाथों के प्रति न्याय न कर सकोगे तो उनमें से, जो तुम्हें पसन्द हों, दो - दो या तीन - तीन या चार - चार से विवाह कर लो । किन्तु यदि तुम्हें आशंका हो कि तुम उनके साथ एक जैसा व्यवहार न कर सकोंगे, तो फिर एक ही पर बस करो, या उस स्त्री पर जो तुम्हारे क़ब्ज़े में आई हो, उसी पर बस करो । इसमें तुम्हारे न्याय से न हटने की अधिक सम्भावना है
You are forbidden to marry married women except your slave - girls. This is the decree of God. Besides these, it is lawful for you to marry other women if you pay their dower, maintain chastity and do not commit indecency. If you marry them for the appointed time you must pay their dowries. There is no harm if you reach an understanding among yourselves about the dowry, God is All - knowing and All - wise.
और शौहरदार औरतें मगर वह औरतें जो तुम्हारे कब्ज़े में आ जाएं हराम नहीं ख़ुदा का तहरीरी हुक्म तुमपर है और उन औरतों के सिवा तुम्हारे लिए जायज़ हैं बशर्ते कि बदकारी व ज़िना नहीं बल्कि तुम इफ्फ़त या पाकदामिनी की ग़रज़ से अपने माल के बदले चाहो हॉ जिन औरतों से तुमने मुताअ किया हो तो उन्हें जो मेहर मुअय्यन किया है दे दो और मेहर के मुक़र्रर होने के बाद अगर आपस में राज़ी हो जाओ तो उसमें तुमपर कुछ गुनाह नहीं है बेशक ख़ुदा वाक़िफ़ और मसलेहतों का पहचानने वाला है
And whoso is not able to afford to marry free, believing women, let them marry from the believing maids whom your right hands possess. Allah knoweth best your faith. Ye one from another ; so wed them by permission of their folk, and give unto them their portions in kindness, they being honest, not debauched nor of loose conduct. And if when they are honourably married they commit lewdness they shall incur the half of the punishment for free women. This is for him among you who feareth to commit sin. But to have patience would be better for you. Allah is Forgiving, Merciful.
और तुममें से जो शख्स आज़ाद इफ्फ़तदार औरतों से निकाह करने की माली हैसियत से क़ुदरत न रखता हो तो वह तुम्हारी उन मोमिना लौन्डियों से जो तुम्हारे कब्ज़े में हैं निकाह कर सकता है और ख़ुदा तुम्हारे ईमान से ख़ूब वाक़िफ़ है तुममें एक दूसरे का हमजिन्स है पस उनके मालिकों की इजाज़त से लौन्डियों से निकाह करो और उनका मेहर हुस्ने सुलूक से दे दो मगर उन्हीं से निकाह करो जो इफ्फ़त के साथ तुम्हारी पाबन्द रहें न तो खुले आम ज़िना करना चाहें और न चोरी छिपे से आशनाई फिर जब तुम्हारी पाबन्द हो चुकी उसके बाद कोई बदकारी करे तो जो सज़ा आज़ाद बीवियों को दी जाती है उसकी आधी लौन्डियों को दी जाएगी से निकाह कर भी सकता है तो वह शख्स जिसको ज़िना में मुब्तिला हो जाने का ख़ौफ़ हो और सब्र करे तो तुम्हारे हक़ में ज्यादा बेहतर है और ख़ुदा बख्शने वाला मेहरबान है
O People who Believe! If you marry Muslim women and divorce them without having touched them, so for you there is no waiting period for the women, which you may count ; therefore give them some benefit and release them with a proper release.
ऐ ईमानवालों जब तुम मोमिना औरतों से निकाह करो उसके बाद उन्हें अपने हाथ लगाने से पहले ही तलाक़ दे दो तो फिर तुमको उनपर कोई हक़ नहीं कि इद्दा पूरा कराओ उनको तो कुछ देकर उनवाने शाइस्ता से रूख़सत कर दो
You are forbidden to marry your mothers, daughters, sisters, paternal aunts, maternal aunts, nieces, your foster - mothers, your foster - sisters, your mothers - in - law, your step - daughters whom you have brought up and with whose mothers you have had carnal relations. It would not be a sin to marry her if you did not have carnal relations with her mother. You are forbidden to marry the wives of your own sons and to marry two sisters at the same time without any adverse affect to the such relations of the past. God is All - forgiving and All - merciful.
तुम्हारे लिए हराम है तुम्हारी माएँ, बेटियाँ, बहनें, फूफियाँ, मौसियाँ, भतीतियाँ, भाँजिया, और तुम्हारी वे माएँ जिन्होंने तुम्हें दूध पिलाया हो और दूध के रिश्ते से तुम्हारी बहनें और तुम्हारी सासें और तुम्हारी पत्ऩियों की बेटियाँ जिनसे तुम सम्भोग कर चुक हो । परन्तु यदि सम्भोग नहीं किया है तो इसमें तुमपर कोई गुनाह नहीं - और तुम्हारे उन बेटों की पत्ऩियाँ जो तुमसे पैदा हों और यह भी कि तुम दो बहनों को इकट्ठा करो ; जो पहले जो हो चुका सो हो चुका । निश्चय ही अल्लाह अत्यन्त क्षमाशील, दयावान है
Cultivating agriculturists, with adequate lands of their own, divorce wives to get public approval to clandestine relationship and in spite of the Prevention of Bigamy Acts, they want to and still marry younger women to help them in agricultural operations.
बहुविवाह - प्रतिबंधक कानून के बावजूद आज भी वे लगातार वयस्क स्त्रियों को तलाक देकर, खेतीबारी के काम में उनकी सहायता कर सकने वाली कम उम्र की लड़कियों से विवाह करते रहते हैं ।
O you who believe! do not enter the houses of the Prophet unless permission is given to you for a meal, not waiting for its cooking being finished - - but when you are invited, enter, and when you have taken the food, then disperse - - not seeking to listen to talk ; surely this gives the Prophet trouble, but he forbears from you, and Allah does not forbear from the truth And when you ask of them any goods, ask of them from behind a curtain ; this is purer for your hearts and their hearts ; and it does not behove you that you should give trouble to the Apostle of Allah, nor that you should marry his wives after him ever ; surely this is grievous in the sight of Allah.
ऐ ईमान लानेवालो! नबी के घरों में प्रवेश न करो, सिवाय इसके कि कभी तुम्हें खाने पर आने की अनुमति दी जाए । वह भी इस तरह कि उसकी तैयारी की प्रतिक्षा में न रहो । अलबत्ता जब तुम्हें बुलाया जाए तो अन्दर जाओ, और जब तुम खा चुको तो उठकर चले जाओ, बातों में लगे न रहो । निश्चय ही यह हरकत नबी को तकलीफ़ देती है । किन्तु उन्हें तुमसे लज्जा आती है । किन्तु अल्लाह सच्ची बात कहने से लज्जा नहीं करता । और जब तुम उनसे कुछ माँगों तो उनसे परदे के पीछे से माँगो । यह अधिक शुद्धता की बात है तुम्हारे दिलों के लिए और उनके दिलों के लिए भी । तुम्हारे लिए वैध नहीं कि तुम अल्लाह के रसूल को तकलीफ़ पहुँचाओ और न यह कि उसके बाद कभी उसकी पत्नियों से विवाह करो । निश्चय ही अल्लाह की दृष्टि में यह बड़ी गम्भीर बात है
And marry those among you who are single and those who are fit among your male slaves and your female slaves ; if they are needy, Allah will make them free from want out of His grace ; and Allah is Ample - giving, Knowing.
तुममें जो बेजोड़े के हों और तुम्हारे ग़ुलामों और तुम्हारी लौंडियों मे जो नेक और योग्य हों, उनका विवाह कर दो । यदि वे ग़रीब होंगे तो अल्लाह अपने उदार अनुग्रह से उन्हें समृद्ध कर देगा । अल्लाह बड़ी समाईवाला, सर्वज्ञ है