अपरिवर्तनीयता
Immutableness
Mutableness
Its aspect of knowledge is at rest in the awareness of undiffer - entiated identity ; its aspect of force and will is at rest in the awareness of unmodifiable immutability.
उस चेतना का ज्ञान - सम्बन्धी रूप भेद - प्रभेद - रहित तादात्म्य के भान में शान्त हुआ रहता है; उनका शक्ति और संकल्प - सम्बन्धी रूपी अविकार्य अक्षर - भाव के बोध में शान्त हो रहता है ।
The immutability of Varna status has been challenged.
वर्ण प्रस्थिति की अपरिवर्तनीयता को चुनौती दी गयी है ।
The saint - poets of the Bhakti school have questioned the immutability of the pattern and powerful movements have periodically emerged to fight the harshness and inequity of the system.
भक्ति संप्रदाय के संत कवियों ने इस संरुप पैटर्न की अपरिवर्तनशीलता पर प्रश्नचिह्र लगाये हैं तथा इस व्यवस्था व्यवस्था की कठोरता और असमता के विरुद्ध समय - समय पर शक्तिशाली आंदोलन हुए हैं ।
We perceive that the immutability of the timeless, spaceless existence is an absolute and an infinite, but that also the conscious - force and the active delight of the divine Being in its all - blissful possession of the outpouring of its powers, qualities, self - creations is an absolute and an infinite, and indeed the same absolute and infinite, so much the same that we can enjoy simultaneously, equally the divine timeless calm and peace and the divine time - possessing joy of activity, freely, infinitely, without bondage or the lapse into unrest and suffering.
हम देखेंगे कि कालातीत और देखतीत सत्ता की अक्षर स्थिति में एक निरपेक्ष एवं अनन्त सत्ता की विद्यमाना है, पर साथ ही अपनी शक्तियों, गुणों और आत्म - रचनाओं के प्रवाह को आनन्दपूर्वक धारण करनेवाली भागवत सत्ता की चिन्मय शक्ति एवं उसके सक्रिय आनन्द में भी एक निरपेक्ष एवं अनन्त सत्ता ही विलसित हो रही है, और निःसन्देह अपने इस रूप में भी यह वही निरपेक्ष एवं अनन्त सत्ता है, इतनी अधिक वही है कि हम दिव्य कालातीत स्थिरता और शान्ति का रसास्वादन करने के साथ - साथ कर्म के दिव्य, काल - सम्राट् आनन्द का भी समान रूप से, स्वतन्त्र तथा अनन्त भाव में बिना किसी बन्धन के या अशान्ति और कष्ट - क्लेश में पतित हुए बिना उपभोग कर सकते हैं ।
Whereas the Bible is, for Benedict, the “ word of God that comes through a human community, ” he understands the Koran as “ something dropped out of Heaven, which cannot be adapted or applied. ” This immutability has vast consequences: it means “ Islam is stuck. It ' s stuck with a text that cannot be adapted. ” Father Fessio ' s striking account prompts two reactions. First, these comments were made at a private seminar with former students, not in public. As “ Spengler ” of Asia Times points out, even the pope “ must whisper” when discussing Islam. It ' s a sign of the times.
बेनेडिक्ट के लिए बाईबिल ईश्वर का ऐसा संदेश है जो मानव समाज के माध्यम से आता है वहीं उनके अनुसार कुरान स्वर्ग से उतारा गया जो समायोजित करना संभव नहीं है. स्पष्ट रुप से इसके व्यापक अर्थ है. इसका अर्थ है कि इस्लाम अविचल है. यह एक धर्म पुस्तक के साथ अविचल है. इसमें संशोधन संभव नहीं है, फादर फेसियो के इस वर्णन ने दो प्रतिक्रियाओं को प्रेरित किया है. पहला यह कि ये टिप्पणियां एक निजी सेमिनार में व्यक्त की गईं न कि किसी सार्वजनिक स्थल पर जैसा कि एशिया टाईम्स में स्पैंगनलर ने संकेत दिया है कि पोप इस्लाम के बारे में कोई चर्चा फुसफुसाहट में ही करते हैं. यह समय का संकेत है.