अवगुण
It is still the I that chooses and determines, it is still the I that undertakes the responsibility and feels the demerit or the merit.
अभी भी हमारी मैं ही चुनती और निर्णय करती है, हमारी समता की प्राप्ति और अहं का नाश 231 मैं ही उत्तरादायित्व लेती और निन्दाप्रशंसा अनुभव करती है ।
It has some demerit also
इससे कुछ हानि भी है
This is not its demerit but merit. 7 Payment of tax in labour invigorates the nation.
वह इसका अवगुण नहीं, बल्कि विशेष गुण है ।