कुल
जत्था
दल
जाति
वंश
खानदान
कुटुम्ब
गोत्र
घराना
कुनबा
पन्थ
एक ही जाति के लोगों का समूह
He must accept the need of the society as his own need, the desire of the society as his own desire ; he must live not for himself but for the tribe, clan, commune or nation of which he is a member.
उसे समाज की आवश्यकता को अपनी आवश्यकता और समाज की कामना को अपनी कामना समझना चाहिये, उसे अपने लिये नहीं, बल्कि उस जाति, कुल, समाज या राष्ट्र के लिये जीना चाहिये जिसका वह सदस्य है ।
Yusuf belonged to the rare clan that aimed at making men more humane, just and cooperative laying stress on harmony than on discord.
युसुफ़ उस विरल कोटि के पुरुषों में से थे जिनका लक्ष्य मनुष्यों के बीच भेद अथवा विसंगति की अपेक्षा सामंजस्य अथवा संगति पर बल देकर उनमें अधिक मानवीयता, न्यायप्रियता तथा सहयोग वृत्ति जागृत करना होता है ।
Like the precedent of Pharaoh’s clan and those who were before them, who defied Allah’s signs, so Allah seized them for their sins. Indeed Allah is all - strong, severe in retribution.
इनके साथ वैसा ही मामला पेश आया जैसा फ़िरऔन के लोगों और उनसे पहले के लोगों के साथ पेश आया । उन्होंने अल्लाह की आयतों का इनकार किया तो अल्लाह ने उनके गुनाहों के कारण उन्हें पकड़ लिया । निस्संदेह अल्लाह शक्तिशाली, कठोर यातना देनेवाला है
The gintang and its clan are perhaps the earliest zithers that we know of, though it bears neither frets nor resonators.
गिंटांग और उससे मिलते जुलते वाद्यों में सर्वप्रथम ज्ञातव्य सितार ही है, यद्यपि इसमें न स्वरपेटी होती है न पर्दे ।
This immensely intricate and subtle system boils down to each person counting on paternal relatives for protection and equal - sized units of agnates confronting each other. Thus, a nuclear family faces off against another nuclear family, a clan faces a clan, and so on, up to the meta - tribal level. As the well - known Middle Eastern adage sums up these confrontations, “ I against my brother, I and my brothers against my cousins, I and my brothers and my cousins against the world. ”
आखिर मध्यपूर्व आधुनिक जीवन के लिए इतना जटिल क्यों है ? जीवन स्तर से साक्षरता तक और सैन्य कुशलता से राजनीतिक विकास तक सभी में पीछे क्यों है ?
There is always a disharmony and a discord between the moral law in the individual and the law of his needs and desires, between the moral law proposed to society and the physical and vital needs, desires, customs, prejudices, interests and passions of the caste, the clan, the religious community, the society, the nation.
व्यक्ति में निहित नियम तथा उसकी आवश्यकताओं एवं कामनाओं के नियम के बीच, समाज के समक्ष प्रस्तुत नैतिक नियम तथा जाति, कुल, धार्मिक संघ, समाज एवं राष्ट्र की भौतिक एवं प्राणिक आवश्यकाताओं, कामनाओं, रीति - रिवाजों, पक्षपातों, स्वार्थों एवं आवेशों के बीच सदैव असामंजस्य तथा वैषम्य रहता है ।
His son was known as Sodhi Rai from whom sprang the clan of Sodhis.
उनका पुत्र सोढीराय के नाम से प्रसिद्ध हुआ था ओर उसका वंश सोढी कहलाया ।
In the starting time of his rule itself, Akbar understood that without finishing the clan of Suris, he cannot rule in peace.
अपने शासन के आरंभिक काल में ही अकबर यह समझ गया कि सूरी वंश को समाप्त किए बिना वह चैन से शासन नहीं कर सकेगा ।
They said:" O Shu ' aib, much of what you say is meaningless to us, and then you are powerless among us. But for your clan we would have stoned you to death. You have no power over us.
और वह लोग कहने लगे ऐ शुएब जो बाते तुम कहते हो उनमें से अक्सर तो हमारी समझ ही में नहीं आयी और इसमें तो शक नहीं कि हम तुम्हें अपने लोगों में बहुत कमज़ोर समझते है और अगर तुम्हारा क़बीला न होता तो हम तुम को संगसार कर चुके होते और तुम तो हम पर किसी तरह ग़ालिब नहीं आ सकते
Why should the story of the Chauhans a clan of Kshatriyas not be writ - ten in a similarly grand style, but in the Lok - Bhasha for the common man to read ?
क्यों न चौहान क्षत्रिय वंश की कहानी इसी दिव्य रूप में लोकभाषा में लिखी जाए कि जनसाधारण की समझ में आ सके ।