मोहब्बत ज़ारी रहेगी..

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Shubham Pathak
Apr 23, 2020   •  0 views

मोहब्बत की थी तुमसे तो मोहब्बत जारी रहेगी

हुई मुझकों थी जो बीमारी वो बीमारी रहेगी।

तुम्हें जाना हो जहाँ जाओ अब, बेख़ौफ़ होकरके

तुम्हारी भी हिफ़ाज़त, मेरी जिम्मेदारी रहेगी।

भला हम हार मानना चाहें भी तो मान लें कैसे,

तुम आख़िर जंग हो मेरी और ये जंग जारी रहेगी।

मेंरे ख़्वाबों के गलियारे में,कभी आकरके तुम देखो

जिधर भी जाओगे तुम, वहीं पे ख़ातिरदारी रहेगी।

तुम्हें मिल जाये ग़र कोई तो बेशक़ उसकी हो जाना

मेरे नजऱ में तो हाँ तू ही सबसे प्यारी रहेगी।

आज़माना चाहो तो कभी आज़माकर देख लो

तुम्हारे नफरत पर मेरी ये चाहत भारी रहेगी।

शुभम पाठक

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