मरूँ भी तो कैसे..

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Shubham Pathak
Dec 05, 2019   •  0 views

पूंछते हैं हमसे की तुम बदले बदले क्यो हो

इल्जाम देके उन्हें रुस्वा करूँ भी तो कैसे

वो मेरे नही हैं ना होंगें भी शायद

ये बात अपनें दिल मे भरूँ भी तो कैसे।

हर पल उनके बिन सूना सा है अब तो,

इस तन्हाई में आखिर जियूँ भी तो कैसे

कहता हूँ खुद से, कि बस कर अब रुक जा

बिन इजाजत उनके मैं, मरूँ भी तो कैसे।

शुभम पाठक

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