जो तुम्हे ख़ुदा से इतनी शिकायत कुछ खास है
जा के देख ज़रा जो तेरे पास है ,वो अभी कितनो के पास है?
और तू ज़रा सी बात पे उसको कुसूरवार कह देता है
तेरे जैसा जीवन अभी लाखों के लिए आस है।
तुझे कद्र ही नही जितना भी अभी तेरे पास है
तेरे शौख ,तेरा सुख अभी हज़ारों की तलाश है
जरूरतमंद को देख के कर दिया करो मदद उसकी,
कहीं न कही उसमें भी ऊपरवाले का ही वास है।
तू महसूस तो कर वो हर पल तेरे साथ है
सोच कर तो देख वो तेरा ही विश्वास है
मांग के देख लेना शिद्दत से कभी कुछ भी
सब देगा वो, भगवान तेरा ही एहसास है।
शुभम पाठक