इतना घिनौना गुनाह करते तेरा ईमान न डगमगाया
एक मासूम की चीख़ों पर तुझे तरस न आया
कौन सा फ़तेह कर लिया तूने किसी की इज्ज़त लेके
जो ऐसा करते हुए तू ज़रा भी न हिचकिचाया।
वो बेचारी बस थोड़ी देर में आ जायेगी, घर पर ये बताया
पर तुझे तो तेरी हवस के आगे कुछ भी न भाया
उसे क्या पता था कि एक भेड़िया उसके ताक में है
जिसने उसका जिस्म नोच नोच के खाया।
तुझे शायद ऐसा करने पर बड़ा मजा आया
पर कलंकित हो गए माँ बाप जो तुम जैसा औलाद पाया
अब बेटियां ख़ुद अकेले निकलने से डरने लगी
जब तक नही होता साथ बाप-भाई का साया।
शुभम पाठक