एक कोई ख़ास होता है जो सबके पास होता है
जिससे वो सारी बात बताता
कभी रूठता कभी मनाता
ग़र सामने वो कभी आ जाता
तब मन को कुछ भी न भाता
उससे मिलने अक्सर आ जाता
वादा करता, तो उसे निभाता
कुछ नहीं कहेगा किसी से वो, इतना विश्वास होता है
एक कोई ख़ास होता है जो सबके पास होता है
बस दिन भर उससे बातें करना
उसको खो देने से डरना
सज सँवर के उसे दिखाना
उसके पसन्द के कपड़े लाना
उसके दर्द को जान जाना
वो कुछ भी कहे तो मान जाना
उसका धीरे से पास में आना
फिर इक-दूजे में खो से जाना
लड़के उससे गलती का मुझको एहसास होता है
एक कोई ख़ास होता है जो सबके पास होता है।
शुभम पाठक