कभी किसी रोज़ मेरी याद आ जाए
तो उन अल्फाजों को पढ लेना
लिखा था जिन्हें तुम्हारे लिए,
उस प्यार की स्याही से,
मैं रहूं यां न रहूं इन अल्फ़ाजों में मुझे याद कर लेना।