जब इस जग ने हमें ठुकराया
तब माँ ने ही तो साथ निभाया।
जब- जब डर ने हमें डराया
तब माँ ने ही आगे बढ़ना सिखाया।
जब इस जग ने हमें सताया
तब साये की तरह माँ ने ही हमें बचाया।
ख़ुशी चाहे बड़ी हो या छोटी
हर जीत का जशन उसने मनाया ।
कभी डांटा और गलती करने पर हमें समझाया
उस माँ में ही मैंने अपना सच्चा दोस्त पाया।

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