कैसा यह रिश्ता है ?
दिल और दिमाग में दिखता है।
यदि चोट दिल को लगे तो फिक्र दिमाग को होती है,
और यदि दिमाग परेशान हो तो दिल में मायूसी छाई रहती है।
क्या नाम दूं मैं इस रिश्ते को?
सागर के दो किनारों को
साथ रहे तो झगड़ते है,
दूर रहे तो मिलने को तरसते हैं।
एक के बिन दूसरा अधूरा है
इन दोनों से ही तो इंसान पूरा है।